RANCHI: हास्पिटल में डॉक्टर जो टेस्ट लिखते है वह बिना पर्ची कटाए नहीं होता है। मरीजों को भी यह मालूम नहीं होता कि कौन सा टेस्ट लैब में होगा और कौन सा नहीं। ऐसे में वे कैश काउंटर से सारी पर्ची कटा लेते है और लैब में जाकर ब्लड सैंपल भी दे आते है। लेकिन रिपोर्ट लेते वक्त जब यह पता चलता है कि लैब में कुछ टेस्ट हुए ही नहीं तो उन्हें झटका लगता है। वहीं उन्हें यह कहा जाता है कि ये टेस्ट आपको बाहर कराना पड़ेगा। जिससे उनकी परेशानी भी बढ़ जाती है।

डीएस डॉक्टर वसुंधरा से सीधी बात

आइनेक्स्ट : सैंट्रल लैब में कुछ जांच नहीं हो रही है?

जवाब : ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है। जहां तक मुझे मालूम है कि सारे जांच हो रहे है।

आइनेक्स्ट : पर्ची कटाने के बावजूद जांच नहीं होती है जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है?

जवाब : पर्ची कटाने के बावजूद जांच नहीं हो रही है तो उन्हें पैसे वापस हो जाएंगे।

आइनेक्स्ट : एक रसीद में दो जांच के पैसे एक साथ लिए जाते है तो उसमें पैसा कैसे वापस होगा?

जवाब : हां यह तो परेशानी है। इसके लिए लैब में नोटिस लगा दिया जाना चाहिए जिससे पेशेंट बाहर कहीं भी जांच करा सकता है।

कल से आंदोलन तेज करेंगे पाराशिक्षक

पारा शिक्षक सोमवार से अपना आंदोलन तेज करेंगे। झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के आह्वान पर हड़ताल पर गए पारा शिक्षकों ने स्कूलों में तालाबंदी का निर्णय लिया है। इधर, पारा शिक्षक समन्वय समिति के समर्थक पारा शिक्षक पहली सितंबर से हड़ताल पर जाने के अपने निर्णय पर अड़े हुए हैं। इससे पहले वे फ्क् अगस्त को शाम में जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकालेंगे। इसे लेकर रांची में समिति की बैठक हुई, जिसमें आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया।

इधर, राज्य सरकार ने हड़ताली पारा शिक्षकों से निपटने के लिए कमर कस ली है। जिला शिक्षा अधीक्षकों को ऐसे पारा शिक्षकों पर अनुशासनिक कार्रवाई कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल सरकार इनसे फिर से किसी भी तरह की वार्ता के पक्ष में नहीं है। हड़ताल पर रहने वाले पारा शिक्षकों के लिए नो वर्क नो पे जारी करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया गया है। इधर, जिन स्कूलों में केवल पारा शिक्षक हैं, वहां स्थायी शिक्षकाें की प्रतिनियिुक्ति सभी जिलों में की गई है। झारखंड शिक्षा परियोजना ने ऐसे स्कूलों में प्रतिनियुक्ति की भी रिपोर्ट तलब की है।