-कैंसर विभाग में लगी कोबाल्ट मशीन के वायर को चूहों ने कुतरा, एक माह से जांच ठप

-मेडिकल कॉलेज प्रशासन चूहा मारने के लिए खोज रहा उपाय

परेशानी का सामना करना पड़ रहा
दरअसल हुआ यह है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लगी कोबाल्ट मशीन के वायर को चूहों ने कुतर दिया है। इससे करीब एक महीने से मरीजों की सिंकाई प्रभावित है। मशीन के वायर को ठीक कराने के लिए इंजीनियर बुलाए गए। इसके बावजूद उसे ठीक नहीं कराया जा सका है। इसके चलते सिंकाई के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कोबाल्ट मशीन बंद हो गई
मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में काफी जद्दोजहद के बाद कोबाल्ट मशीन लगाई गई। लेकिन चूहों के हमलों के चलते विभाग के अफसर परेशान है। बताया जाता है कि दो माह पहले इंजीनियर ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि इसमें मैकेनिकल फाल्ट नहीं है। सिर्फ वायर कटा है। इसे ठीक करवाया गया। इसके बाद दोबार अचानक कोबाल्ट मशीन बंद हो गई। इसके बाद इसे शुरू नहीं किया जा सका। मेडिकल प्रशासन ने इसमें सुधार करने के लिए अब कंपनी को पत्र ि1लखा है।

कोबाल्ट से होता है फायदा
-रेडिएशन के लिए एक मशीन उपलब्ध है
-मरीजों को रेडिएशन के लिए नहीं करनी पड़ती है प्रतीक्षा

-एक ही मशीन से मरीजों की होती है सिंकाई

नहीं शुरू हो सका ब्रेकी थैरेपी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में पिछले पांच से छह महीने से ब्रेकी थैरेपी मशीन लगाने का काम चल रहा है लेकिन कंपनी के इंजीनियर्स की लापरवाही के चलते ब्रेकी थैरेपी मशीन का काम पूरा नहीं हो सका है। एक तरफ जहां जर्मन से कुछ पार्टस आने बाकी है तो दूसरी तरफ टेक्नीशियन की तैनाती समस्या की बड़ी वजह है।

-हर रोज कोबाल्ट मशीन से होती है सिंकाई--50 से 55
वर्जन
इस मामले की हमें जानकारी नहीं है। अगर कोबाल्ट मशीन के वायर को चूहों ने कुतरा है तो इसे तत्काल ठीक कराया जाना चाहिए था। क्यों नहीं ठीक हुआ इसकी जानकारी ली जाएगी। चूहों को भगाने के लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे।

डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज