रेलवे की तर्ज पर टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) लागू करने जा रहा है रोडवेज

रोडवेज की एसी व नॉन एसी बसों में 100 किमी से अधिक की दूरी पर 15 प्रतिशत तक कम लगेगा किराया

Meerut । अगर आप अक्सर रोडवेज से लंबी दूरी की यात्रा करते हैं तो यह खबर आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकती है। दरअसल, अब रोडवेज भी रेलवे की तर्ज पर टेलिस्कोपिक फेयर सिस्टम (टीएफएस) लागू करने जा रहा है यानि जितनी लंबी यात्रा उतना कम किराया। इससे रोडवेज यात्रियों को किराए में छूट का लाभ मिलेगा और रोडवेज को उम्मीद है कि इससे लंबी दूरी की बसों में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। जिससे नुकसान झेल रही लंबी दूरी की बस सेवा की आय में बढ़ोतरी होगी।

15 प्रतिशत तक कम होगा किराया

रोडवेज बसों में यात्रियों से अभी 1.04 रुपये प्रति किमी की दर से किराया लिया जाता है। यानि यात्री जितना किमी का सफर करते हैं, उससे उतनी दूरी का ही किराया लिया जाता है। अब रोडवेज प्रबंधन भी टीएफएस के अनुसार किराया व्यवस्था लागू करेगा। यानी जितनी लंबी दूरी उतना कम किराया। इसमें यात्री यदि 100 किमी से अधिक का सफर करता है तो उसे टिकट में डेढ़ प्रतिशत से लेकर 15 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जाएगा। यह किराया एसी व नॉन एसी बसों में लागू किया जाना है। इसके लागू होने के बाद मेरठ से लखनऊ के किराए में 15 प्रतिशत और हरिद्वार जाने वाले यात्रियों के किराए में 5 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

रोडवेज का लुभावना ऑफर

रोडवेज को सबसे अधिक नुकसान डग्गामार बसों के कारण उठाना पड़ता है। जिस रूट पर यात्री अधिक होते हैं उन सभी रूटों पर डग्गेमार बस संचालित हो रही हैं। ऐसे में अब रोडवेज कम किराए में लंबी दूरी की यात्रा का लुभावना ऑफर देकर डग्गेमारी पर रोक लगाने के साथ-साथ ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को भी लुभाने का प्रयास कर रहा है।

मुख्यालय स्तर पर टीएफएस के आधार पर किराया व्यवस्था लागू करने पर विचार चल रहा है। मेरठ से भी लखनऊ, अजमेर, देहरादून आदि लंबी दूरी की बसों का संचालन होता है। लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा बेहद फायदेमंद साबित होगी।

नीरज सक्सेना, आरएम