गंगा में डूबे दो युवकों के न मिलने से परिजनों का हाल बेहाल

बेटे के मिलने की उम्मीद में सुबह से शाम तक घाट पर बिता रहे परिवारीजन

बिलखते परिजन पुलिस पर लगा रहे उपेक्षा व तलाश में मदद न करने का आरोप

ALLAHABAD: चेहरे पर गम की छाया अब भी तैर रही है। परिवार के हर शख्स की आंखें नम हैं। उन्हें न तो भूख लग रही है और न ही प्यास। कुछ भी न तो अच्छा लग रहा और नहीं सूझ रहा है। रोते-रोते लाल हो चुकीं आंखों के सामने अंधेरा सा छाया हुआ है। नाते रिश्तेदार भी गमजदा हैं। दिल में उम्मीद की लौ जलाए रोज सुबह से शाम तक वे गंगा के तट पानी में टकटकी लगा कर बैठने को विवश हैं। फिर भी उनकी उम्मीदों पर मां गंगा का दिल नहीं पसीज रहा। यह दर्द और स्थिति है शनिवार को गंगा में डूबने वाले सचिन सिंह व विकास की मां और उसके परिजनों की।

नहीं सूख रहे आंखों से आंसू

इन्द्रपुरी कॉलोनी निवासी सचिन मोहल्ले में मोबाइल शॉप खोल रखा था। उसी की कमाई से वे परिवार का पालन पोषण करता था। उसके गंगा में डूबने से मां माधुरी व पत्‍‌नी पूनम का रो रोकर बुरा हाल है। इस हादसे से उसकी पत्‍‌नी और मां दोनों बेसुध अवस्था में है। उसके दो वर्षीय पुत्र पि्रंस के मासूम सवालों का जवाब कोई नहीं दे रहा। वह तो सभी से बस यही पूछ रहा कि पापा कहां हैं, आप क्यों रो रहे हो। उधर विकास परिवार वालों का भी हाल ही है। रोते-रोते विकास की बूढ़ी मां की आंखें पथरा सी गई हैं। बेटे के गम में कांपते उसके होठ से निकल रहे हर शब्द को सुन लोगों का कलेजा द्रवित हो जा रहा है।

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जख्म पर नमक रगड़ रही पुलिस

सचिन सिंह व विकास के परिजनों का कहना है कि घटना के बाद पुलिस ने दूसरे दिन तक ही दोनों को तलाशने का प्रयास किया। इसके बाद से पुलिस उपेक्षात्मक रुख अपना ली है। जिसकी वजह से दोंनों की तलाश में वे मल्लाहों का सहारा लेने को मजबूर हैं। कहते हैं कि कई दफा दोनों की तलाश के लिए पुलिस से गुजारिश की गई। लेकिन वे कहते हैं कि जो चला गया अब वह लौटकर आने वाला नहीं है। जब मिलना होगा तब मिल जाएगा। पुलिस ये बातें उनके जख्मों पर नमक सरीखे लग रही हैं।

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इन्हें भी नहीं खोज पाई पुलिस

गंगा में डूबे युवकों की तलाश में पुलिस की लापरवाही यह कोई पहली बार नहीं है। इसके पहले बेगम सराय घाट पर 21 अगस्त को नहाते समय गंगा में डूबे दो छात्र नयाब और आफताब का भी पुलिस अब तक कोई पता नहीं लगा पाई। बता दें कि दोनों एक साथ गंगा नहाने उतरे थे। पैर फिसलने के कारण नयाब डूबने लगा तो उसे बचाने के लिए आफताब भी गंगा में कूद गया। गंगा की तेज धार में दोनों समा गए। हादसे के बाद कुछ दिन तो पुलिस ने दोनों की तलाश की। लेकिन इसके बाद धूमनगंज पुलिस क्या कर रही है यह कोई नहीं जानता है।