- डेंगू के सीजन में शरीर में पानी की मात्रा का रखे विशेष ख्याल

- 95 फीसदी मरीजों में सामान्य दवा से ही सही हो जाता है डेंगू

KANPUR: शहर में डेंगू फैल गया है। लेकिन सावधानी और डेंगू से सबंधित जानकारी होने पर आप इससे बच सकते हैं। बुधवार को हैलट में मेडिसिन विभाग के डॉक्टर्स ने एक विशेष वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान डेंगू के सीजन में बचाव के उपाय बताए गए साथ ही बुखार होने पर क्या करना है इसकी भी जानकारी दी गई।

बॉडी में तरल की मात्रा बेहद जरूरी

पीडियाट्रिशियन डॉ। यशवंत राव ने बताया कि इस डेंगू होने पर सबसे ज्यादा जरूरी होता है शरीर में तरल की मात्रा को बनाए रखना। डेंगू से होने वाली ज्यादातर मौतों की वजह फेफड़ों में पानी भरना होता है, इसलिए डेंगू होने पर कितनी मात्रा में पानी और ग्लूकोज देना है इसकी सटीक जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा नार्मल बुखार में भी पानी खूब पीना चाहिए। डेंगू होने पर जब ब्लीडिंग शुरू होती है तभी प्लेटलेट्स चढ़ानी चाहिए।

तो सही हो जाता है डेंगू

डॉ। सौरभ अग्रवाल ने बताया कि डेंगू एक तरह का फ्लू ही है। जो वायरस के जरिए फैलता है। नार्मल ट्रीटमेंट से ही 95 फीसदी मरीजों में डेंगू सही हो जाता है। सिर्फ 5 फीसदी मरीजों में इसकी गंभीरता ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर किसी भी तरह का कोई टीका अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है।

ऐसे पहचाने डेंगू-

-बुखार 104 डिग्री तक या ज्यादा

- सिर और आंखों में दर्द होना

- जोड़ों, पीठ, मांसपेशियों में दर्द

- उल्टी आना, स्किन पर लाल चकत्ते बनना, जी मिचलाना

इन स्थितियों में डेंगू गंभीर

- बुखार 100 डिग्री से कम होना, 3 से 7 दिनों बाद ऐसा होता है।

- अत्यधिक पेट दर्द और उल्टी होना

- लगातार सांस फूलना

- मसूड़ों में खून आना

- अत्यधिक थकावट और बेचैनी

- उल्टी में खून आना

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बौहार गांव में मिले लार्वा

बुधवार को घाटमपुर के बौहार गांव में स्वास्थ्य विभाग के संचारी रोग विभाग के डायरेक्टर टीम के साथ पहुंचे। इसके अलावा नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम भी जांच करने पहुंची। इस दौरान एनसीडीसी के डॉ। एलजे कानेकर को गांव के घर से काफी मात्रा में लार्वा भी मिले। वहीं संचारी रोग विभाग के डॉयरेक्टर डॉ। सत्यमित्र ने बताया कि गांव में 600 केस मिले हैं। इसमें से सबको डेंगू हुआ है यह अभी नहीं कहा जा सकता। जांच के बाद पूरी रिपोर्ट बन जाने पर ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं बुधवार को भी सांसद देवेंद्र सिंह भोले टीम के साथ बौहार गांव में माैजूद रहे।

घरों पर ताला बौहार गांव में पसरा सन्नाटा

बौहार गांव में डेंगू फैलने के बाद अब गांव में ग्रामीण या तो वहां से पलायन कर गए है या फिर अस्पतालों में भर्ती अपने घरवालों का इलाज करा रहे हैं। हालत यह है कि न तो गांव से कोई दूध लेने वाला आ रहा है और न स्कूलों की बसे इस गांव में रहने वाले बच्चों को लेने आ रही हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स से मारपीट के बाद गांव में हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में डेरा डाले हुए हैं।

अब तक 42 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि

मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में चल रही डेंगू की जांच में तीन दिनों में अब तक 42 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इसमें से 35 पेशेंट्स तो बौहार गांव के ही हैं। बुधवार को लैब में 28 सैंपलों की जांच की गई जिसमें से 12 सैंपल डेंगू पॉजिटिव निकले। उर्सला के 7 पेशेंट्स, हैलट के 2 और प्राइवेट हॉस्पिटलों में भर्ती 3 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि हुई है। दो दिन में प्राइवेट हॉस्पिटलों में भर्ती 6 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

उर्सला में लगाई गइर् मच्छरदानी

उर्सला के डेंगू वार्ड में बुधवार को सभी पेशेंट्स के बेड पर मच्छरदानी लगाई गई। उर्सला में बौहार गांव के 20 से ज्यादा पेशेंट्स का इलाज चल रहा है। मच्छरों से बचाव के लिए अब उन्हें मच्छरदानी के अंदर रखा गया है। बुधवार को भी उर्सला में डेंगू के दो संभावित पेशेंट्स भर्ती हुए दोनों चमनगंज के रहने वाले हैं। उधर हैलट में भी अब डेंगू और बौहार गांव से आने वाले पेशेंट्स को अलग वार्ड में रखा जाएगा। एसआईसी डॉ। आरसी गुप्ता ने बताया कि वार्ड-11 को साफ करा कर उसे तैयार किया गया है। अब इसे बतौर डेंगू वार्ड यूज ि1कया जाएगा। एंबुलेंस कर्मियों ने किया खून

शहर में डेंगू फैलने के बाद से खून की बढ़ी मांग के चलते बुधवार को 108 और 102 एंबुलेंस सर्विस के ड्राइवरों और कर्मचारियों ने उर्सला ब्लड बैंक में ब्लड डोनेशन किया। जीवीके कंपनी के डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज अंकित वर्मा ने बताया कि बौहार गांव में डेंगू की विभीषिका को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है। एसीएमओ डॉ। वाईके वर्मा ने बताया कि कुल 18 यूनिट ब्लड डोनेट किया गया है।