- निर्माण के समय नहीं सोचा पानी की निकासी के बारे में

-आज हल्की सी बारिश आफत बनकर टूटती है यात्रियों पर

DEHRADUN : उत्तराखंड का एक मात्र इंटर स्टेट बस अड्डा यानि कि आईएसबीटी इन दिनों अपनी हालत पर रो रहा है। राज्य गठन के कुछ साल बाद वर्ष ख्00ब् में इस बस अड्डे का स्थापना तत्कालीन प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने की थी। हजारों लोगों को इस इंटर स्टेट बस अड्डे से मिलने वाली सुविधाओं से काफी उम्मीदें थी। भले ही आज यहां से देशभर में विभिन्न जगहों के लिए यहां से बस सर्विस मिल रही हो, लेकिन जब बेसिक सुविधाओं की बात आती है तो यह राज्य का एक मात्र इंटर स्टेट बस अड्डा सरकार का मुंह चिढ़ाता है। क्योंकि बेसिक सुविधाएं यहां आज भी अधूरी है।

पानी निकासी का कोई जरिया

आईएसबीटी का हाल इस कदर है कि हल्की सी बारिश होने पर पूरा आईएसबीटी परिसर जलमग्न हो जाता है। कारण यह है कि जिस समय यह अड्डा बनाया गया उस समय किसी ने इस परिसर से पानी की निकासी पर ध्यान नहीं दिया जो आज सबसे बड़ी चिंता का सबब बना हुआ है। क्योंकि बारिश के दिनों जहां एक ओर कीचड़ भर जाता है। वहीं पानी इतना अधिक भर जाता है कि गाड़ी के पूरे टायर डूब जाते हैं। इन दिनों यहां गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है। बाहर से बस अड्डे के अंदर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। जिस कारण यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। स्वयं आईएसबीटी का रखरखाव की जिम्मेदारी देख रही रैम्के कंपनी के कर्मचारी भी इस बात को मानते हैं कि यहां पानी की निकासी का कोई जरिया नहीं है जिससे जलभराव की स्थिति पैदा होती है।

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-जल भराव है आईएसबीटी की सबसे बड़ी प्रॉब्लम

-जल भराव के कारण बन जाते हैं परिसर में कई गड्ढे

-परिसर की सड़क हो जाती है पूरी तरह क्षतिग्रस्त

-हल्की सी बारिश में परिसर हो जाता है जलमग्न

-सड़क से बस अड्डे में पहुंचना होता है मुश्किल

-यात्रियों को उठानी पड़ती है परेशानी