सेलफोन का इस्तेमाल नहीं होने से पुलिस और खुफिया एजेंसियों के हाथ कोई सुराग नहीं

ALLAHABAD: आम आदमी ने बिना धमाके के ही सारी सरकारी मशीनरी की नींद तो उड़ा ही दी है, जांच एजेंसियों के इन्वेस्टिगेशन के तरीके पर भी सवाल उठने लगे हैं। एक वक्त था जब सेलफोन मार्केट में नया-नया आया था। इसे क्रिमिनल्स ने हथियार बनाकर पुलिस को खूब छकाया था। पुलिस ने सर्विलांस में 'पीएचडी' की तो शातिर क्रिमिनल ने सेलफोन का इस्तेमाल ही कम कर दिया। अब पुलिस की हालत यह हो गई कि सेलफोन का इस्तेमाल न हो तो मामले का खुलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो जाता है। महानगरी एक्सप्रेस व रेल ओवर ब्रिज पर बम प्लांट करना, इसका परफेक्ट एग्जाम्पल है। बम प्लांट करने वाले ने सेलफोन का इस्तेमाल नहीं किया तो पुलिस व खुफिया एजेंसियां घनचक्कर बनकर रह गई हैं। हवा में चारों ओर तीर चलाए जा रहे हैं लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही।

कई और मामले भी हैं

यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जिसमें पुलिस व खुफिया एजेंसियां फेल हुई है। नैनी के दिव्या मर्डर केस, गऊघाट में ईसीसी के रिटायर्ड टीचर इमेनुएल पीटर, मोहत्सिमगंज में फैसल, झूंसी में मां-बेटी के डबल मर्डर का आज तक पुलिस खुलासा नहीं कर पाई है। हत्यारे खुली हवा में सांस ले रहे हैं। कारण यह है कि इन घटनाओं में सेलफोन का इस्तेमाल नहीं किया गया था। नए दौर की पुलिसिंग सिर्फ सेलफोन पर ही आकर अटक गई है। जितने भी मामले खुले, उसमें से 90 परसेंट में सर्विलांस का ही योगदान रहा। सर्विलांस से ही बातचीत व लोकेशन के आधार पर बदमाशों को पकड़ा गया।

छकाने के लिए तो नहीं टार्गेट

एलस्ट्राम कंपनी के साथ ही महानगरी व रेल ओवर ब्रिज में टार्गेट यमुनापार एरिया को ही किया गया। पुलिस का कहना है कि इसके दो कारण हो सकते हैं। या तो साजिश करने वाला यमुनापार का है या वह जांच भटकाने के लिए वहां पर बम रख रहा है। 'आम आदमी' ने यमुनापार में बम रखकर जांच एजेंसियों को वहीं पर अटका कर रख दिया है। बम रखने वाला किसी और इलाके का भी हो सकता है। यह भी हो सकता है कि यह सब माघ मेले से ध्यान बंटाने के लिए आतंकियों की ही कोई साजिश हो।

मंडुआडीह में मिला था नकली बम

मंडुआडीह ट्रेन में भी मंगलवार को नकली बम मिला था। बोरियों को कुछ इस तरह से पैक किया गया था कि वह पार्सल शेप में दिखने लगी थीं। ट्रेन के रुकने के बाद भी उसे कोई लेने नहीं आया तो हड़कंप मच गया। बीडीएस ने जांच की तो पता चला कि उसमें बोरियां भरी हुई हैं।

ट्रेनों में बढ़ाई गई गश्त

ट्रेन व आरओबी पर बम मिलने की घटना का खुलासा होने के बाद से मिर्जापुर ट्रैक से गुजरने वाली सभी ट्रेनों में आरपीएफ के दस्ते को तैनात कर दिया गया है। ट्रैक की भी जांच की जा रही है। भले ही इस मामले को किसी की शरारत माना जा रहा हो लेकिन रेलवे इसको लेकर काफी सीरियस है।

लगातार मिल रहे बम व लेटर को लेकर रेलवे गंभीर है। पूरे जोन में अलर्ट जारी किया गया है। पूरे मामले से रेल मंत्रालय को अवगत करा दिया गया है।

विजय कुमार,

सीपीआरओ, एनसीआर