केंद्र की टीम ने शहर के एसटीपी प्लांट का किया निरीक्षण

सामुदायिक शौचालयों में पसरी गंदगी के टीम ने लिए फोटो

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की कवायद अब अंतिम चरण में है। पूरा माह निगम स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत साफ-सफाई के दावे करने में जुटा रहा लेकिन उसके बाद भी न तो शहर की सड़कें ही साफ हो सकी और न ही शौचालयों की हालत में सुधार आया। ऐसे में गार्बेज फ्री सिटी के दावे के बाद निगम के ओडीएफ प्लस की दावे की जांच करने के लिए मंगलवार को केंद्र की टीम शहर में पहुंची। ओडीएफ प्लस के दावों का गोपनीय निरीक्षण कर टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान टीम ने एसटीपी प्लांट समेत सामुदायिक और पर्सनल टॉयलेट में गंदगी देख खासी नाराजगी जताई और फोटो लेकर अपने रिकार्ड में अपडेट कर लिए।

एसटीपी का निरीक्षण

ओडीएफ प्लस के दावे की जांच करने के लिए मंगलवार सुबह को दो सदस्यी टीम शहर में पहुंची। इस दौरान टीम शहर के 13 प्रमुख एसटीपी यानि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने पहुंच गई। टीम ने शास्त्रीनगर डी ब्लॉक, पांडव नगर, हापुड़ रोड समेत जागृति विहार एक्सटेंशन में बने 72 एमएलडी एसटीपी का निरीक्षण किया और सीवर के पानी की सफाई व्यवस्था को परखा। हालांकि इस दौरान टीम को एसटीपी का संचालन सही मिला।

सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी का अंबार

टीम ने सावर्जनिक स्थलों पर बने शौचालय और यूरिनल में ओडीएफ प्लस यानि शौचालयों में सुविधाओं का निरीक्षण किया। मगर अधिकतर शौचालयों में सुविधाओं के नाम पर पानी तक की व्यवस्था नदारद मिली। शौचालयों में नियमित रूप से दो समय साफ-सफाई का नियम है लेकिन अधिकतर शौचालय गंदगी से अटे मिले। गौरतलब है कि निगम ने पिछले साल ही शहर में 140 से अधिक यूरिनल और शौचालयों का शहर में निर्माण कराया था, जिनकी हालत फिलहाल खस्ता है। शौचालयों के साथ-साथ आसपास के लोगों से फीडबैक भी लिया गया। इसके बाद टीम ने नगर निगम के पिंक-ब्ल्यू एसी टॉयलेट्स की जांच की और सुविधाओं को देखा।