- बीबीएयू के 24वें स्थापना दिवस पर बोले विधानसभा अध्यक्ष

LUCKNOW : राष्ट्र निर्माण में शैक्षिक संस्थानों की अहम भूमिका है। भारत में 10वीं सदी के पहले से ही राष्ट्र की अवधारणा का निर्माण हो चुका था। बाद में विश्व को नेशन शब्द का बोध हुआ। नेशन और राष्ट्र दो अलग-अलग बातें हैं। हमारे वेदों में राष्ट्र की अवधारणा की व्याख्या मिलती है। शोध और बोध से राष्ट्र का जन्म और विकास होता है। ये बातें विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहीं। वे शुक्रवार को बीबीएयू के 24वें स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

संविधान के रास्ते पर चलें

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि हिंसा के रास्ते को छोड़ संविधान के रास्ते पर चलना चाहिए। सड़कों पर हिंसा करने वालों की शिक्षा और ज्ञान का कोई महत्व नहीं है। इस अवसर पर उन्होंने यूनिवर्सिटी की एक नई वेबसाइट भी लांच की।

कुलगीत से शुरुआत

डिक्की के अध्यक्ष मिलिंद प्रहलाद काम्बले ने कहा कि भारत की जीडीपी 5 प्रतिशत है। अभी इकोनॉमी धीमी गति से बढ़ रही है। हालांकि इस साल अच्छी बारिश हुई है, इसका लाभ मिल सकता है। बतौर आईआईएम जम्मू के चेयरमैन उन्होंने कहा कि जल्द ही श्रीनगर में एक ऑफ कैम्पस खुलेगा। जहां युवाओं को स्किल डिवेलपमेंट सहित तमाम चीजें बताई जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय घुमंतू जनजाति आयोग के अध्यक्ष भीकू रामजी इदाते, डिक्की के अध्यक्ष मिलिंद प्रहलाद काम्बले, यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ। प्रकाश सी बरतूनिया, वीसी प्रो। संजय सिंह, कुलसचिव प्रो। एस विक्टर बाबू और संयोजक प्रो। आरबी राम भी मंच पर मौजूद रहे।

डिक्की और बीबीएयू में एमओयू

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में बीबीएयू ईडीआईआई और डिक्की के बीच एक अनुबंध भी किया गया। जिससे यूनिवर्सिटी में उद्यमिता और कौशल विकास की दिशा में कार्य हो सके।

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ए प्लस दिलाने का लक्ष्य

वीसी प्रो। संजय सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने 24 साल का सफर पूरा कर लिया है। इस दौरान सीबीसीएस लागू करने से लेकर तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गईं। हमारा लक्ष्य है कि यूनिवर्सिटी को ए प्लस ग्रेड मिले।

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पूर्व और वर्तमान छात्र मिले

स्थापना दिवस पर संगोष्ठी के साथ पहली बार पुरातन छात्र समागम समारोह का आयोजन भी किया गया। इसमें पूर्व और वर्तमान छात्र एक दूसरे से मिले। पूर्व छात्रों ने कैम्पस भी देखा। उन्होंने अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।