-उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे दस दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला का सोमवार को हुआ समापन

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PRAYAGRAJ: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के परिसर में चल रहे दस दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला का सोमवार को समापन हो गया। शिल्प हाट में समापन अवसर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र व जम्मू-कश्मीर सहित डेढ़ दर्जन प्रांतों से शिल्पकारों और जनजातीय कलाकारों के बीच उत्साह के माहौल में विदाई की बेला भी आई। जब अपने-अपने प्रांतों से आए कलाकारों ने एक-दूसरे को गले लगाकर अगले वर्ष मेला में आने का संकल्प लिया। इतना ही नहीं संबंधों को मजबूत करने के लिए मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान भी किया।

लोकनृत्यों से रंगारंग समापन

शिल्प मेला के अंतिम दिन मुक्ताकाशी मंच पर आधा दर्जन प्रांतों के कलाकारों ने लोकनृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां की। मंच पर एक बार फिर कश्मीर से आए मुश्ताक बट्ट ने वहां के प्रचलित रूफ व पहाड़ी लोकनृत्य की प्रस्तुति से समां बांधा तो महाराष्ट्र की शीतल व उनके साथियों ने लावणी नृत्य की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति की। जबकि पंजाब के रूपेन्दर सिंह व साथियों ने भांगड़ा व गिद्दा नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को सराबोर कर दिया। समापन सत्र में आसाम की तरूलता देवरी ने तिवा, केरल के शिवा ने तपन्ना और पश्चिम बंगाल के गुणा धर सही व साथी कलाकारों ने समूह में नटुआ लोकनृत्य की प्रस्तुति की।