मुंबई की महिला ने दी ट्रंप को शिकस्त

2011 में डोनाल्ड ट्रंप की कंपनी मुंबई में ट्रंप टॉवर बना रही थी। मुंबई की एक महिला अपने अधिकार के लिए ट्रंप के खिलाफ खड़ी हुई पर इस बीच उस महिला की मौत हो गई। अपनी जीत को देखने के लिए वो जीवित नही रही। उस महिला ने अपनी जीत के लिए बहुत संघर्ष किया। हम बात कर रहे हैं 54 वर्षीय महिला स्मिता पानवाल्कर की जिन्होंने अपना फ्लैट छोड़ने से इंकार कर दिया जबकि उन्हें ट्रंप टॉवर में नया फ्लैट मिल रहा था। लोकल बिल्डर्स ने ट्रंप के साथ मिल कर उस महिला को वहां से हटाने के कई प्रयास किए पर कोई सफलता नही मिली। महिला का पूरा परिवार कई सालों से वहां रह रहा था। उस जगह से जुड़ाव होने के चलते महिला मकान नही खाली करना चाहती थी।

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आखिर में हुई स्मिता की जीत

एक शॉर्ट सर्किट के चलते उन्हें इस लिए बाहर होना पड़ा क्योकि 45 दिनों तक उस बिल्डिंग में बिजली नही आई। स्मिता मोमबत्ती की रौशनी में घर पर खाना पकाया करती थीं। उनके घर में कोई भी इलेक्टिसिटी गैजेट काम नही करता था। अंत में स्मिता ने अपनी दवाईयां भी लेना छोड़ दिया जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें बहुत सारी स्वास्थ समस्यायें हुईं। एक हार्ट अटैक के चलते स्मिता की मौत हो गई। स्मिता के जाने के बाद उनके पति ने उनकी लड़ाई जारी रखी और अंत में बिल्डर्स को उनकी सभी मांगे माननी पड़ी। अप्रैल में उन्हे ट्रंप टॉवर में 12वीं मंजिल पर एक फ्लैट मिला। स्मिता ने अपने हक के लिए बहुत लड़ाई लड़ी और अंत में उन्हें जीत भी मिली पर वह अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए आज मौजूद नही हैं। उनका साहस उन्हें कई लोगों की नजरों मे अमर कर गया।

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