-मेले के मुख्य शाही स्नान के लिए जुटने लगा हुजूम

-गुरुवार को दिनभर लगता रहा जाम, रेंगते रहे वाहन

-सीएम के आगमन पर छावनी बना रहा 14 और 15 सेक्टर

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PRAYAGRAJ: अभी भी वक्त है। सरकार को मौनी अमावस्या के मुख्य शाही स्नान को देखते हुए वीआईपी मूवमेंट कम कर देना चाहिए। वरना स्थिति खतरनाक हो सकती है। स्नान महापर्व को महज तीन दिन शेष हैं और भीड़ ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। लोग पैदल और वाहनों से मेले में पहुंच रहे हैं। गुरुवार को मेला एरिया में यही स्थिति बनी रही। इस बीच सीएम योगी सहित अन्य वीआईपी के आगमन से मेले का आवागमन बुरी तरह प्रभावित रहा।

दिनभर खाली रहती है लाल सडक

इस बार मेले में हालात ऐसे बन गए हैं कि रोजाना वीआईपी मूवमेंट के चलते मेला प्रशासन को लाल सड़क 24 घंटे खाली रखनी पड़ती है। पूरी भीड़ को काली सड़क पर डायवर्ट कर दिया जाता है। ऐसा ही हाल गुरुवार को हुआ, जब मेले में आने वाली भीड़ को भयंकर जाम का सामना करना पडा। मीडिया सेंटर से लेकर झूंसी पुल के नीचे तक वाहनों की लंबी लाइन लगी रही। चंद मीटर की दूरी तय करने में लोगों को लंबा समय लगा।

लगने लगी वाहनों के आने पर रोक

भीड़ को देखते हुए परेड और त्रिवेणी रोड मोड पर गुरुवार को ही वाहनों की एंटी पर रोक लगाई जाने लगी। सुबह से ही पैरा मिलिट्री के जवानों ने त्रिवेणी रोड पर जाने वाली पब्लिक को रोका जाने लगा था। ऐसे में मेले के भीतर लोग नए पुल के नीचे और झूंसी पुल के नीचे से घुसने की कोशिश करते रहे। उधर, सीएम के 14 और 15 नंबर सेक्टर पर आने से आसपास के मागरें को छावनी में तब्दील कर दिया गया। ऐसे में इस सेक्टर में बसे कल्पवासियों के परिजनों को टेंट तक पहुंचने में खासी परेशानी हुई।

दो की रात से लग जाएगी पूरी रोक

चार फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान है। ऐसे में दो फरवरी की रात से ऑफिशियली वाहनों की एंट्री पर मेले में रोक लग जाएगी। इतना ही नहीं जो लोग बाहर से शहर में आएंगे उन्हें भी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि शहर के भीतर भी संगम जाने वाले मागरें पर वाहनों के प्रवेश पर परेशानी हो सकती है। यही कारण है कि जिन लोगों को दूसरे शहरों से आना है वह दो फरवरी से पहले शहर में अपने रिश्तेदारों के यहां आ जाएंगे। इसके बाद वह अपने वाहनों से शहर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। उनको सैटेलाइट पार्किंग में अपने वाहन खडे़ करने होंगे।