- कांच के पुल पर हुए हादसे के बाद परिवार में मचा कोहराम

- मां भी नाले में कूदी, भीड़ ने बामुश्किल बच्चे को निकाला

Meerut : रात साढ़े आठ बजे लिसाड़ीगेट के कांच का पुल पर दिल को दहला देने वाला हादसा हो गया। अचानक ही मां की गोद से छूट कर बच्चा नाले में गिर गया। महिला बच्चे को बचाने के लिए नाले में कूद गई। भीड़ ने कड़ी मशक्कत के बाद बामुश्किल बच्चे को कुछ दूरी पर निकाला। अस्पताल ले जाने के बाद डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। हादसे के दौरान महिला बच्चे को डाक्टर से उपचार दिलाने के बाद घर लौट रही थी। हादसे के बाद बच्चे की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया।

ऐसे हुआ हादसा

लिसाड़ीगेट के इस्लामाबाद में एक मीनारा मस्जिद के पास इसरार का परिवार रहता है। इसरार परतापुर की पावरलूम फैक्ट्री में कारीगर है। इसरार के चार साल के बेटे अब्दुल्ला को मां जरीना उपचार दिलाने के लिए अहमद नगर में डाक्टर अंजुम के पास गई थी। कई दिनों से अब्दुल्ला को बुखार हो रहा था। जरीना उपचार दिलाने के बाद वापस लौट रही थी। कांच के पुल के पास पहुंची। तभी पीछे से आटो आ रहा था। आटो से बचने के लिए नाले की ओर हटी। तभी जरीना का गोद से छूट कर अब्दुल्ला नाले में गिर गया।

सौ मीटर दूर मिला

बच्चे के गिर जाने से जरीना शोर मचाते हुए नाले में कूद गई। तभी आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई, जब तक भीड़ से लोग नाले में कूदे। तब तक बच्चा बहकर छोटे नाले से बड़े नाले में जा चुका था। करीब सौ मीटर दूरी पर बच्चे को नाले से निकालने के बाद पास के अमन अस्पताल में ले गए, जहां से बच्चे के अंदर पानी भरे रहने की बात कहकर रेफर कर दिया। संतोष अस्पताल में ले जाने पर अब्दुला को मृत घोषित कर दिया।

हादसे के बाद हंगामा

बच्चे के शव को लेकर परिवार के लोग घर पहुंचे। तभी महिला के मायके वाले भी पहुंच गए। अब्दुल्ला के मामा असलम और ससुरालियों में मारपीट हो गई। महिला के मायके पक्ष ने बच्चे की मौत का जिम्मेदार ससुरालियों को बताकर हंगामा कर दिया था। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद मामले को शांत कर दिया।

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आजम भी रहे नाकाम

4 जून 2012 को नगर विकास मंत्री आजम खां मेरठ आकर 407 करोड़ से 30 पुराने नालों की सूरत बदले के लिए उन्हें ढकने, उनके ऊपर मल्टी लेवल पार्किंग, घूमने के लिए बगीचा और चारों ओर पेड़ लगाने की घोषणा कर गए थे, लेकिन यह घोषणा ही रह गई। एमडीए ने 503 करोड़ की आबू कैनाल योजना बनाई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्लानिंग बोर्ड से ऋण लेकर एमडीए को कुल 38 किमी आबू नाले में से 20 किमी नाले का जीर्णोद्वार व करना था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

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नाले में गिरकर मरने की घटनाएं

26 दिसंबर 2016 : भूमिया पुल के पास युवक नाले में डूबा, जेसीबी ने निकाली लाश।

17 नवंबर 2016 : इलाज के लिए गई बच्ची तारापुरी के जाटव वाली गली में नाले के गिरकर मरी।

8 मार्च 2016 : बाइक की टक्कर लगने से किशोर की नाले में गिरकर मौत।

17 फरवरी 2016 : लावड़-सोफीपुर मार्ग पर नाले में रिटायर्ड फौजी की लाश मिली।

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गंदगी शहर में महामारी का कारण बनती है। लिहाजा इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अब औचक निरीक्षण करके नालों तथा शहर की सफाई की जांच की जाएगी। लापरवाह कर्मचारियों अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।

-हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

गोबर ने पूरे शहर के नाले नालियां जाम कर रखे हैं। लापरवाह कर्मियों, नायकों तथा निरीक्षकों पर सख्ती की जा रही है। नालों की सफाई के लिए समय-समय पर जेसीबी तथा पोर्कलेन मशीन भेजी जाती है, लेकिन मशीनों की संख्या कम है।

-डॉ। कुंवरसैन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

बच्चा गोद से छूटकर नाले में गिर गया था, जिसको आसपास के लोगों ने निकाल लिया, जिसकी मौत हो चुकी थी। नालों में लगातार डूबने से हो रही मौत को लेकर नगर निगम को पुलिस ने पत्र लिखा है।

-रण विजय सिंह, सीओ कोतवाली