गुड न्यूज

-यूपीईआरसी ने डिमांड बेस बिलिंग का जारी किया फरमान, कंज्यूमर्स को मिलेगा फायदा

-मैक्सिमम पॉवर डिमांड कम होने पर फिक्स्ड चार्ज भी होगा कम

-डोमेस्टिक में 90 और कॉमर्शियल में 225 से 335 रुपए तक प्रति किलोवॉट है फिक्स्ड चार्ज

KANPUR: पावर की डिमांड अधिक (कांट्रैक्ट लोड से) होने पर आपको अधिक बिजली बिल के रूप में खामियाजा भुगतना पड़ता है। लेकिन अब डिमांड कम रहने का आपको इसका फायदा भी मिलेगा। यूपीईआरसी ने पावर डिमांड कम होने पर फिक्स्ड चार्ज कम भी वसूलने का आदेश दिया है। जाहिर है कि इस फैसले का खासतौर पर सर्दियों में आपको फायदा मिलेगा। फिक्स्ड चार्ज कम वसूले जाने पर आपका बिजली का बिल घट जाएगा।

ऐसे वसूलता है फिक्स्ड चार्ज

सिटी में केस्को के 5.50 लाख के लगभग कनेक्शन हैं। अभी तक डोमेस्टिक कनेक्शन पर 90 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना के हिसाब से केस्को फिक्स्ड चार्ज वसूलता है। इसी तरह 2 किलोवॉट तक के कॉमर्शियल कनेक्शन पर 225 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना वसूलता है। 2 से अधिक और 4 किलोवॉट तक का कनेक्शन होने पर चार्ज बढ़कर 275 रुपए प्रति किलोवॉट प्रति महीना हो जाता है। इसी तरह सिंगल प्वाइंट बल्क लोड व अन्य कनेक्शन के लिए अलग-अलग फिक्स्ड चार्ज हैं।

ये दिया है यूपीईआरसी ने आदेश

पावर टैरिफ डिसाइड करने वाले यूपी इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने पावर डिमांड कम होने पर फिक्स्ड चार्ज भी कम लेने का आदेश दिया है। केस्को अफसर एके आनन्द ने बताया कि अगर कांट्रैक्ट लोड से मैक्सिमम पावर डिमांड 25 परसेंट या इस से ज्यादा कम है तो फिक्स्ड चार्ज कांट्रैक्ट लोड का 75 परसेंट देना पड़ेगा। इससे जितना अधिक मैक्सिमम पावर डिमांड होगी उतना ही फिक्स्ड चार्ज देना पड़ेगा।

इस तरह समझे

उदाहारण के तौर 10 किलोवॉट का कनेक्शन है और आपके यहा मैक्सिमम पावर डिमांड 6 किलोवॉट है तो फिक्स्ड चार्ज 7.5 किलोवॉट का देना पड़ेगा। अगर डिमांड 8 किलोवॉट है तो फिक्स्ड चार्ज 8 किलोवॉट का ही देना होगा। जबकि अभी तक पूरे 10 किलोवॉट का फिक्स्ड चार्ज वसूला जाता है।

सर्दियों में मिलेगा फायदा

गर्मियों में पावर की डिमांड अधिक होती है। इसी वजह पावर की डिमांड भी 550 मेगावॉट तक पहुंच जाती है। वहीं सर्दियों में पावर की डिमांड काफी कम हो जाती है। कई बार 350 मेगावॉट तक रह जाती है। इसी तरह सर्दियों में घर, दुकानों, शोरूम आदि में एसी, फैन, कूलर आदि न चलने की वजह बिजली की खपत कम हो जाती है, लेकिन फिक्स्ड चार्ज कांट्रैक्ट लोड के मुताबिक ही वसूला जाता है।

बिल में नहीं है प्रिंट

केस्को अफसर एके आनन्द ने बताया कि यूपीईआरसी के इस फैसले के पहले से ही केस्को डिमांड के मुताबिक बिलिंग कर रहा है। बिलिंग सॉफ्टवेयर में भी फीड है। पर शायद लोगों ने इसका ध्यान नहीं दिया। वहीं लोगों का कहना है कि पावर की डिमांड की बजाए केस्को हमेशा कांट्रैक्ट लोड के मुताबिक ही फिक्स्ड चार्ज वसूलता है। डोमेस्टिक या कॉमर्शियल बिल में मैक्सिमम पावर डिमांड का न तो कोई जिक्र है न ही ये बिल में प्रिंट होकर आता है। हो सकता है कि दिखावे के लिए केस्को के बिलिंग सॉफ्टवेयर में ये फीड हो।

कनेक्शन-- फिक्स्ड चार्ज

डोमेस्टिक- 90 रुपए

सिंगल प्वाइंट बल्क लोड- 85 रुपए

कामर्शियल - 225 रुपए(अपटू 2 किलोवॉट.)

कामर्शियल - 275 रुपए( 2 से ज्यादा 4 किलोवॉट तक)

कामर्शियल-- 355 रुपए (4 किलोवॉट से ज्यादा)