सालों से बिक रहे पॉवर पेट्रोल को पम्प संचालक बता रहे बीएस-6 इंजन का फ्यूल
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गाडि़यों की बिक्री पर रोक के फैसले के बाद जाना फ्यूल मार्केट का सच
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पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए गवर्नमेंट ने सख्ती की। कोर्ट ने सख्ती को सपोर्ट किया तो गाड़ी मालिकों ने बीएस-4 मॉडल की गाडि़यों की मैन्यूफैक्चरिंग पूरी तरह से रोक दी है। इन गाडि़यों का स्टॉक क्लीयर करने के लिए स्पेशल छूट ऑफर की जा रही है। बीएस-6 इंजन वाली गाडि़यां शो रूम में पहुंचने लगी हैं। एक तरफ यह चल रहा है तो दूसरी तरफ सवाल उठने लगा है कि बीएस-6 इंजन की गाडि़यों आ गयीं तो इस कैटेगिरी के फ्यूल के लिए इंतेजाम क्यों नहीं किये जाते? वाहन कंपनियों के कर्मचारियों की तरफ से आए इस सवाल की दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मंगलवार को पड़ताल की तो पता चला कि पॉवर से काम चल रहा है।
बीएस-6 के बेनिफिट
सोमवार को आरटीओ ऑफिस की तरफ से एक सूचना आयी कि 21 मार्च के बाद बीएस-4 इंजन वाली गाडि़यां रजिस्टर नहीं की जाएंगी। इसके बाद रिपोर्टर ने विभिन्न कंपनियों के लोकल रीप्रजेंटेटिव से बात की। यहीं से संकेत मिला कि बीएस-6 इंजन के साथ फ्यूल को भी बदलना होगा। क्या डिफरेंस है दोनों कैटेगिरी के फ्यूल में। इस सवाल पर फोर्ड के इंजन एक्सपर्ट अंशुमान सिंह ने बताया कि बीएस-6 इंजन से डीजल कारों से 68 फीसदी और पेट्रोल कारों से 25 फीसदी तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन कम हो जाएगा। डीजल कारों से पीएम का उत्सर्जन 80 फीसदी तक कम होने की संभावना है। वह बताते हैं कि बीएस-4 में सल्फर की मात्रा 50पीपीएम होती है जबकि बीएस-6 में यह 10पीपीएम ही रहेगी। सल्फर डीजल वाहन इंजन को स्मूथली रन कराने में इंपॉर्टेट रोल प्ले करता है। मारुति के वर्कशाप इंचार्ज रहे संजय बताते हैं कि फिलहाल बिक रहे डीजल में सल्फर की मात्रा 50 पीपीएम है। इसे कम करना ही होगा। बीएस-6 मॉडल की गाडि़यों में वर्तमान में उपलब्ध फ्यूल ही यूज होता रहा तो परिस्थितियां बदलेंगी नहीं।
पम्पकर्मी ने पॉवर को बताया बीएस-6 का फ्यूल
एक्सपर्ट से फ्यूल के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद रिपोर्टर पेट्रोल पम्पों पर हकीकत जानने निकल पड़ा। रिपोर्टर ने कर्मचारी से लाइव बातचीत रिकॉर्ड की
रिपोर्टर - बीएस-6 व्हीकल है। इसका फ्यूल मिलेगा क्या
कर्मचारी - बिल्कुल मिल जाएगा
रिपोर्टर - कौन सा पेट्रोल डालेंगे
कर्मचारी - जिसमें पावर लिखा है
रिपोर्टर - पावर फ्यूल क्या बीएस-6 इंजन के लिए है
कर्मचारी - यह तो नहीं पता। इतना जानते हैं कि यही बीएस-6 का फ्यूल है
रिपोर्टर - ये कब से हो गया
कर्मचारी - अरे जब से बीएस-6 व्हीकल मार्केट में आया है तभी से
रिपोर्टर - मगर लिखा तो नहीं है कहीं
कर्मचारी - बस लिखना ही बाकी है। सुबह से बहुत से लोगों के बीएस-6 व्हीकल में पेट्रोल डाल चुके हैं
बाजार में जब भी कोई नई टेक्निक वाला वाहन आता है वाहनों की कीमतें बढ़ जाती हैं। बीएस-6 डीजल व्हीकल की कीमत बीएस-4 की तुलना में सवा लाख रुपये ज्यादा होगी। इसी तरह बीएस-4 पेट्रोल कारों की कीमत भी 25 से 30 हजार तक ज्यादा होगी। बीएस-6 व्हीकल अभी पूरे मॉडल में लॉन्च हो रहे हैं।
इरफान सिद्दीकी
सेल्स मैनेजर जीप