- उत्तराखंड महोत्सव में विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों ने प्रस्तुत किये
लोक सांस्कृतिक प्रोग्राम
LUCKNOW : उत्तराखंड महोत्सव के चौथे दिन सोमवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सतरंगी छटा देखने को मिली। महाराष्ट्र के कलाकारों ने लोक नृत्य 'कोली' गुजरात का प्रसिद्ध गरबा, उत्तराखंड गढ़वाल का फ्यूजन डांडिया, ग्रुप डांस, नृत्य नाटिका में नमामि गंगे एवं श्याम राधा के साथ पंजाब के भांगड़ा पर दर्शकों ने जमकर डांस किया। इससे पहले महापरिषद के अध्यक्ष मोहन सिंह विष्ट ने मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुरेश पचौरी, विशिष्ट अतिथि मंत्री सुरेश राणा का अभिनंदन किया।
गढ़वाली फ्यूज ने मोहा
कार्यक्रम की शुरुआत वेदेही फाउंडेशन की हरितिमा पंत के निर्देशन में गणेश वंदना से हुई। इसके अलावा एकल गीत अवधी अदालत में दावा करुंगी, एकल नृत्य वंदे मातरम, गायिका हरितिमा पंत ने मशहूर कुमाऊंनी गीत हाय ककड़ी झील मा, लुड़पीसो सील मा और हियुन को दिना फिर लोटी ऐंगे ना गाकर अपने प्रदेश की याद ताजा कर दी। तक्षशिला, ग्रुप की सुनंदा असवाल के निर्देशन में उत्तराखंड गढ़वाल का फ्यूजन डांडिया चौता की चौत्वालाचौता की चौत्वाला हा हा, शिव जी का बागवान सची फूल फुल्या छन प्रस्तुत किया।
कुल देवी की आराधना की
महाराष्ट्र के दलनायक स्पन्लि दोत्रे के निर्देशन में कलाकारों ने महाराष्ट्र का प्रसिद्ध नृत्य 'कोली नृत्य' से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। असोम के दलनायक सुखलेश्वर बोडो के निर्देशन में बार देई सिकला नृत्य प्रस्तुत किया। वहीं बैदेही फाउंडेशन की रूबी राय सिन्हा के निर्देशन में श्याम राधा नृत्य नाटिका से भारतीय संस्कृति से रुबरु कराया। अवधी लोक गायिका प्रीति लाल ने पारंपरिक देवी गीत आवौ हो देवी मइया बइठो मोरे अंगना देबै सतरंगिया बिछाय रे से माहौल को भक्तिमय बना दिया।
आज का कार्यक्रम
दोपहर
- मिस्टर उत्तराखंड,
- विचार गोष्ठी
- महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती के अवसर पर विविध कार्यक्रम
- हेमवती नंदन बहुगुणा जी के जीवन पर विचार गोष्ठी
शाम
- महाराष्ट्र के कलाकारों की प्रस्तुतियां
- नटराज जन कल्याण समिति बांदा की पाई डंडा नृत्य
- गीत एवं नाट्य प्रभाग भारत सरकार की प्रस्तुति