- अनुज सिंह के खिलाफ 7 बिंदुओं पर ढाई साल से चल रही है जांच

- लखनऊ कैंट बोर्ड की पूर्व सीईओ कर रही हैं भ्रष्टाचार की जांच

Meerut। हाईकोर्ट के आदेश पर तत्कालीन जीओसी डीएन यादव ने सीईई अनुज सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच बैठाई थी। जांच बैठाकर उनके सारे अधिकार छीन लिए गए थे। 7 बिंदुओं पर इसकी जांच चल रही है। लखनऊ कैंट बोर्ड की पूर्व सीईओ इसकी जांच कर रही है।

बोर्ड में हुआ था प्रस्ताव पारित

भ्रष्टाचार कर अवैध निर्माण कराने को लेकर नवंबर 2013 में कैंट बोर्ड में अनुज सिंह के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया था, जिसको को लेकर तत्कालीन जीओसी मध्य कमान ने जांच बैठाई थी। अनुज सिंह के सारे अधिकारी सीज कर दिए थे। लखनऊ के पूर्व सीईओ शोभा गुप्ता को इसका जांच अधिकारी बनाया गया था।

अधिकार मिले वापस

इस बात को ढाई साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक इसकी जांच पूरी नहीं हुई। जांच पूरी न होने के बाद भी वर्तमान सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने दो माह पूर्व अनुज सिंह को सारे अधिकारी दोबारा से वापस दे दिए।

बंगला 167 पर दिए थे आदेश

हाईकोर्ट ने बंगला नंबर 167 पर सुनवाई करते हुए जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि गलत तरीके से नक्शा पास क्यों किया गया। इसमें निर्माण करने वाले की क्या गलती है। भ्रष्टाचार कर अवैध निर्माण करने वाले के खिलाफ जांच होनी चाहिए।

यह हैं सात बिंदु

बंगला नंबर 167 चैपल स्ट्रीट के नक्शे को गैर कानूनी स्वीकृति

- बंगला नंबर 22 बी पर लगातार अनाधिकृत निर्माण

- हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए दुकान संख्या 340 एबीसी रंगसाज मोहल्ला प्रथम तल पर अनाधिकृत निर्माण

- सूचित करने में लापरवाही और जमीनों पर हुए निर्माणों की गलत रिपोर्ट। जीओसी इन चीफ द्वारा खारिज अनाधिकृत निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न करना।

- छावनी क्षेत्र के बंगले 210 बी, 173 बी, 176 सहित अनेक बंगलों में शॉपिंग, आवासीय कॉम्पलेक्स में अनाधिकृत निर्माण।

- हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बंगला नंबर 177 में लगे अवैध मोबाइल टॉवर को हटाने में लापरवाही। आरए बाजार व रंगसाज मोहल्ले में अवैध मोबाइल टॉवर के निर्माण में लापरवाही बरती।

- कैंट बोर्ड के ट्रंचिंग ग्राउंड की सी क्लास भूमि पर अवैध खेती को रोकने में कार्रवाई नहीं की।

अभी एक पक्ष की सुनवाई हुई है। दूसरे पक्ष सीईई अनुज सिंह का पक्ष सुनना बाकी है। उसको सुनने के बाद भी जांच रिपोर्ट दी जाएगी।

शोभा गुप्ता, रक्षा संपदा मुख्यालय निदेशक, लखनऊ