- रीजनल एयर कनेक्टिविटी के लिए एयर इंडिया की उड़ान योजना के तहत एचएएल-टीएडी कानपुर में बनेगे पैसेंजर प्लेन

- सिविल एविऐशन के लिए डोर्नियर-228 के स्ट्रक्चरल एसेंबली का उदघाटन,1 अप्रैल से पहले होगी डिलीवरी

KANPUR: अभी तक डिफेंस के लिए प्लेन बनाने वाला एचएएल अब एयरइंडिया के लिए भी यात्री जहाज बनाएगा। सैटरडे को मिनिस्टर ऑफ स्टेट सिविल एविएशन जयंत सिन्हा ने एचएएल टेड पहुंच कर डोर्नियर-228 के सिविल वर्जन की स्ट्रक्चरल एसेंबली का उदघाटन किया। मेक इन इंडिया के तहत एचएएल 19 सीटर डोर्नियर-228 प्लेन बनाएगा। जिसे रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम के तहत छोटे शहरों से उड़ाया जाएगा।

एचएएल में आयोजित कार्यक्रम में जयंत सिन्हा ने इसे बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि एचएएल कानपुर को ऐसे 40 सिविल डोर्नियर-228 प्लेन अभी सप्लाई करने होंगे। आगे क्लाइंट्स की डिमांड पर 300 प्लेन तक भी यह आंकड़ा जा सकता है। इसी के साथ एचएएल टीएडी कानपुर देश का पहला सिविल एयरक्रॉफ्ट बनाने वाला डिवीजन भी बन गया है। कार्यक्रम के दौरान एचएएल के सीएमडी ने अगले साल 1 अप्रैल से इनकी डिलीवरी शुरू कराने का भी वादा किया। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ सांसद डॉ। मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, सांसद अशोक दोहरे, सीईओ एचएएल एसेसरीज राजीव शुक्ला, जीएम एचएएल टीएडी एमएम तपासे प्रमुख रुप से मौजूद रहे।

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ये होगी डोर्नियर-228 सिविल वेरियेंट की खूबियां

- 19 सीटर

-370 किमी प्रति घंटा मैक्सिमम क्रूज स्पीड

- 7.08मीटर लंबा,1.35मीटर चौड़ा,1.55मीटर ऊंचा एयरकंडीशंड केबिन

- प्रति सीट फ्यूल कंजप्शन बेहद कम

-शार्ट टेकऑफ व लैडिंग कैपेबल, व लो मेनटेनेंस कॉस्ट

- 715 एसएचपी पॉवर के दो प्रोपेलर इंजन

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एचएएल कानपुर का अहम पड़ाव

दरअसल इंडिया में सिविल एयरक्रॉफ्ट बनाने की तरफ यह पहला कदम है जोकि एचएएल कानपुर से शुरू हो रहा है। यहां बनने वाले डोर्नियर-228 जहाजों से टियर-2 व टियर-3 सिटीज को एयर कनेक्टिविटी संभव हो जाएगी। क्योंकि इन एयरक्रॉफ्ट्स के लिए बेहद छोटी एयर स्ट्रिप्स की जरूरत पड़ती है। एचएएल के सीएमडी टी सुवर्ण राजू ने इस मौके पर एचएएल के इतिहास और उसकी प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कहा कि 1940 में 20 लाख की पूंजी से शुरू हुई इस अंडरटेकिंग ने इस साल 17,000 करोड़ का टर्नओवर किया है। फाइटर हैलीकॉप्टर बनाने वाले विश्व के छह देशों में एचएएल की वजह से भारत शामिल हुआ।

डोर्नियर-228 को मिला सिविल सिर्टफिकेट

एचएएल की ट्रांसपोर्ट एविएशन डिवीजन कानपुर में बनने वाले डोर्नियर-228 के सिविल वर्जन को पहले ही सिविल सर्टिफिकेशन मिल चुका है। इसके अलावा इनके मेनटेनेंस, रिपेयर व ओवरहॉल के लिए भी सीएआर-145 सर्टिफिकेशन प्राप्त हो चुका है।