- लाइसेंसी पिस्टल से सिर में मारी गोली, ट्रॉमा में इलाज के दौरान मौत

- केजीएमयू कैंपस में मजार में आकर कई दिनों से मांग रहा था दुआ

LUCKNOW : बाबा या तो मेरी बीमार बेटी को ठीक कर दो या मैं खुद को गोली मार लूंगा, यह कहकर लाइनमैन ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। केजीएमयू कैंपस स्थित मजार में हुई इस घटना से हड़कंप मच गया। लाइनमैन को इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

40 दिन से आ रहा था मजार

राजाजीपुरम तालकटोरा स्थित सपना कॉलोनी में रहने वाले विनोद कुमार रावत बिजली विभाग में लाइनमैन थे और ऐशबाग सब स्टेशन पर तैनात थे। परिवार में पत्‍‌नी नीतू और दो बेटियां मुस्कान और नेहा हैं। उनकी बड़ी बेटी मुस्कान को तीन माह से बीमारी के दौरान दौरे पड़ रहे थे। विनोद ने उसे कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद परिजन मुस्कान को केजीएमयू कैंपस में स्थित हाजी हरमैन शाह बाबा की मजार पर लाए, जहां उन्हें 40 दिन रुकने के लिए कहा गया। विनोद की पत्‍‌नी नीतू 40 दिन ये यहां रुककर बेटी के ठीक होने का इंतजार कर रही थी।

टूट गइर् हिम्मत

40 दिन गुजरने पर विनोद रावत की हिम्मत टूट गई और कुछ दिन पूर्व उन्होंने मजार के सामने हाथ उठाकर दुआ मांगते हुए कहा था कि अगर बेटी ठीक न हुई तो वे यहीं जान दे देंगे। मंगलवार सुबह विनोद मजार पर पहुंचे और बोले, बाबा या तो हमारी बेटी को ठीक कर दो या फिर मैं अपने आप को गोली मार लूंगा। ये कह कर विनोद ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर को कनपटी से सटाकर गोली चला दी। पत्नी नीलू के साथ-साथ मजार पर मौजूद लोग यह खौफनाक मंजर देखा अपना होश खो बैठे। विनोद को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां देर शाम इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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पत्नी ने भी की जान देने की कोशिश

इस घटना के बाद नीतू ने भी मजार के पास रोड पर जाकर गाड़ी से कुचलकर जान देने की कोशिश की। उन्हें वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह बचा लिया।

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बेटी ने दी लिखित तहरीर

एसीपी चौक डीपी तिवारी ने बताया कि विनोद बेटी की बीमारी से परेशान था। दोपहर में उसने कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या का प्रयास किया। उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था जहां देर शाम उसकी मौत हो गई। इस मामले में बेटी नेहा ने चौक थाने में तहरीर दी है।