-163225 चालान साल 2019 में काटे गए

-6 करोड़ करीब वूसला गया फाइन

-10 चौराहों पर ज्यादातर होती है चेकिंग

बीते तीन साल की तुलना में घटा सड़क हादसों में मौत का ग्राफ

बरेली : खुशी मनाइए कि सौ से अधिक बरेलियंस की जान बच गई है, वरना उनके घरों में सन्नाटा पसरा होता। जी हां, ये बात सौ फीसदी सच है, क्योंकि साल 2016 से 2018 तक हर साल साढ़े चार सौ से ज्यादा लोग सड़क हादसों में जान गवा देते थे। लेकिन साल 2019 में यह आकड़ा साढे़ तीन सौ से कम हो गया है। अब इसे ट्रैफिक पुलिस की सख्ती कहें या बरेलियंस की अवेयरनेस, लेकिन जो भी है फील गुड है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है रूल्स फॉलो कराने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं। चालान काटने के साथ ही वह लोगों को रूल्स फॉलो करने के लिए अवेयर भी कर रहे हैं।

चार गुना ज्यादा फाइन

न्यू मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद चालान की रकम में बढ़ोतरी की गई। रूल्स तोड़ने पर करीब चार से पांच गुना ज्यादा फाइन वसूला जाने लगा। वहीं रूल्स तोड़ने पर लोगों के घर में चालान पहुंचने लगे, जिसकी वजह से भी लोग रूल्स फॉलो कर रहे हैं।

ई-चालान के चाबुक का डर

एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार की माने तो चार सालों की तुलना में वर्ष 2019 में सड़क हादसों में भारी कमी आई है। इसका मेन कारण है कि डिपार्टमेंट ने सख्ती दिखाते हुए व्यापक रूप से अभियान चलाकर ट्रैफिक रुल्स फॉलो न करने वालों के चालान किए।

इन चौराहों पर होती है चेकिंग

शहर के चौकी चौराहा, चौपुला, पटेल चौक, कुतुबखाना, सैटेलाइट चौराहा, बदायूं रोड समेत 10 स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस मुस्तैदी से ट्रैफिक रुल्स की धज्जियां उड़ाने वालों के चालान काटते नजर आ जाएगी।

चार साल में इतनों की गई जान

साल - मृतक - घायल

2016 - 475 - 905

2017 - 467 - 914

2018 - 484 - 907

2019 - 338 - 570

एक साल में हुए इतने चालान

पिछले एक साल में ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से शहर में सघन चेकिंग अभियान चलाकर जनवरी से दिसंबर माह तक 1 लाख 63 हजार 225 चालान काटे गए और 6 करोड़ 31 लाख 81 हजार 800 रुपए फाइन वसूला गया।

दिखने लगे हेल्मेट

एक साल पहले की बात करें तो ट्रैफिक रुल्स को लेकर लोग इतने अवेयर नहीं थे। वहीं डिपार्टमेंट की सक्रियता भी कम ही थी, लेकिन जब से मुस्तैदी बढ़ी है लोग बिना हेल्मेट पहनकर सड़कों पर वाहन ले जाने से कतरा रहे हैं।

लोगों की बात

बिना हेल्मेट और जरूरी कागजात के बिना वाहन नहीं चलाते हैं वहीं घर के अन्य सदस्यों को भी इस पर अमल करने को अवेयर कर रहे हैं।

मयंक रस्तोगी।

कार में बैठते ही सीट बेल्ट लगाते हैं, ऐसा करने से जान का जोखिम भी नहीं है वहीं चालान से भी बचते हैं।

मोहित सिंह।

लगातार चौराहों पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल सड़क हादसों का ग्राफ भी कम हुआ है। लोगों से अपील है कि वह ट्रैफिक रुल्स जरूर फॉलो करें।

सुभाष चंद्र गंगवार, एसपी ट्रैफिक।