- मंडलायुक्त ने दिए मेट्रो फीडर रूट बनाए जाने के आदेश

- शहर में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था बनाए जाने के लिए उठाया कदम

LUCKNOW : रोड के चक्रव्यूह में आरटीओ ऑफिस ऐसा फंसा हुआ है कि पिछले एक साल से वह अब तक मेट्रो के फीडर रूट तक नहीं डिसाइड कर सका। मेट्रो के फीडर रूट डिसाइड करने के लिए कई बार मंडलायुक्त की अध्यक्षता में बैठकें हुई और मेट्रो में पैसेंजर्स की संख्या को बढ़ाने के लिए वाहनों की व्यवस्था किए जाने पर चर्चा भी हुई, लेकिन अब तक अधिकारी मेट्रो के फीडर रूट चिन्हित नहीं कर सके हैं। हाल ही में हुई एक बैठक में मंडलायुक्त ने एक बार फिर से शहर में मेट्रो रूट बनाए जाने के आदेश जारी कर दिये हैं जिससे आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

कम होगा टै्रफिक का दबाव

लखनऊ में अमौसी एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो के कॉमर्शियल रन को एक साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन मेट्रो में पैसेंजर्स की संख्या नहीं बढ़ रही है। वहीं मेट्रो के संचालन से यह भी उम्मीद थी कि इस अमौसी से लेकर मुंशीपुलिया चौराहे तक रोड पर वाहनों का दबाव कम हो जाएगा और रोड पर भीड़ कम होगी। जाम की समस्या से छुटकारा भी मिल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेट्रो रूट पर ना तो वाहन घटे और ना हीं मेट्रो फीडर सेवा शुरू हो सकी। मेट्रो फीडर रूट का भी कोई अता पता नहीं है। ऐसे में मंडलायुक्त ने कुछ दिनों पूर्व आयोजित की एक बैठक में एक बार फिर से मेट्रो रूट चिन्हित किए जाने के आदेश दिए हैं।

चल रहा है काम

आरटीओ ऑफिस से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो रूट से सटी हुई रोड को देखा जा रहा है जिन्हें मेट्रो फीडर के रूप में विकसित किया जाना है, लेकिन इन्हें किन-किन इलाकों से जोड़ते हुए मेट्रो स्टेशनों तक लाया जाना है, इस पर अध्ययन चल रहा है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि मेट्रो के किन स्टेशनों पर अधिक भीड़ होती है। मेट्रो फीडर रूट में सबसे बड़ी समस्या यह भी आ रही है कि वहां पर चलने वाले वाहनों को कहां पर खड़ा किया जाएगा। जिन स्टेशनों पर अधिक भीड़ हो रही है वहां पर पहले ही वाहनों की भीड़ बहुत अधिक है।

कई स्टेशनों के पास नहीं है जगह

मेट्रो फीडर के लिए अब तक चिन्हित किए गए स्टेशनों में हजरतगंज, चारबाग और मुंशीपुलिया है। इसके अलावा इंदिरा नगर मेट्रो स्टेशन, लखनऊ यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन, बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन, कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन के लिए फीडर सेवा शुरू की जानी है। इस पर काम चल रहा है। आरटीओ ऑफिस के अनुसार जल्द ही मेट्रो फीडर रूट और उस मेट्रो फीडर सेवा शुरू की जाएगी।

कोट

मेट्रो रूट तैयार किए जाने की कवायद चल रही है। तकरीबन 100 से अधिक इलाकों से मेट्रो स्टेशनों को जोड़ा जाना है। मेट्रो फीडर रूट और फीडर सेवा पर अध्ययन चल रहा है। जल्द ही इसकी जानकारी सौंप दी जाएगी।

- रामफेर द्विवेदी, आरटीओ

मेट्रो रूट पर चलने वाले वाहन

सिटी बसें -35

ऑटो रिक्शा- 2400

ई रिक्शा- 9000

इस रूट पर रोजाना सफर करने वाले पैसेंजर्स- तकरीबन तीन लाख से अधिक

मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले पैसेंजर्स- 55 हजार