कई दशक बाद बज्र योग के साथ बन रहा त्रिस्पृशा का संयोग
- बज्र योग के सावन में जलाभिषेक से पूरी होगी मनोकामना
- मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए ज्योतिष विद्वान बता रहे शुभ संयोग
PATNA : कई दशक बाद इस बार सावन का महापर्व कई अदभुत संयोग लेकर आया है। बज्र योग के साथ त्रिस्पृशा योग बन रहा है जो जलाभिषेक से मनोकामना पूरी करेगा। ज्योतिष विद्वान इसे काफी दुर्लभ और सुखद बता रहे हैं जिसका परिणाम पूरे देश पर पड़ेगा। विद्वानों का मत है कि एक माह तक भगवान शंकर का जलाभिषेक कर उनकी उपासना करनेवालों की हर बाधा दूर होगी।
- ऐसे बन रहा दुर्लभ संयोग
ज्योतिष तंत्राचार्य आचार्य प्रमोद मिश्रा और जय मां वैष्णो देवी ज्योतिष तंत्र एवं अनुसंधान के तंत्राचार्य आचार्य योगेश पाण्डेय व सूर्य पूजा परिषद के अध्यक्ष पंडित हिमांशु मिश्र का मत है कि सावन भगवान शंकर का सबसे प्रिय माह है। इस माह में ही उन्होंने विषपान कर दुनिया को विष से बचाया था। विष के कारण सावन माह में ही उन्हें जलाभिषेक का विशेष विधान है। ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक ख्0 जुलाई से सावन प्रारंभ हो रहा है जो क्8 अगस्त तक चलेगा। इस बार सोमवार तो चार ही पड़ रहे हैं लेकिन इसके बाद भी 'महा' माह की महत्ता कम नहीं है। विद्वानों का मत है कि फ्क् जुलाई को द्वादशी पड़ रही है और इसके साथ त्रयोदशी भी उसे स्पर्श कर रही है साथ ही चतुर्दशी को भी वह स्पर्श कर रही है। इससे त्रिस्पृशा नामक विशेष योग का निर्माण हो रहा है, जो दुर्लभ है। द्वादशी से लेकर अमावस्या तक जलाभिषेक का विशेष फल मिलेगा।
- सावन के सोमवार पर दुर्लभ संयोग
ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि इस बार सावन में चार सोमवारी है। पहला ख्भ् जुलाई को और आखिरी क्भ् अगस्त को। दूसरे सोमवारी पर पुनर्वसु योग और धूमरवि संयोग बन रहा है। आखिरी सोमवारी पर हस्त नक्षत्र के साथ प्रदोष काल है। इससे साध्य योग बन रहा है। इस पर बाबा का जलाभिषेक काफी फलदायी होगा।
- रुद्राभिषेक और महामृत्युंज्य जाप से कष्टों से मुक्ति
ज्योतिष विद्वानों का मत है कि सावन 'महा' माह में रुद्राभिषेक करने और महामृत्युंज्य जाप से हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस पवित्र माह में अधिक से अधिक रुद्राभिषेक और महामृत्युंज्य के जाप से हर तरह की बाधा दूर होती है। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि सावन में बेलपत्र पर लाल चंदन से राम नाम लिखकर शिवलिंग पर अर्पण करने से हर बाधा दूर होती है। शिव की उपासना से कन्या विवाह में बाधा के साथ विद्या बाधा और गंभीर बीमारी से भी मुक्ति मिलती है। सावन में बेलपत्र, गंगाजल, दूध, शहद, भांग, धतूर, मदार, फूल भगवान शिव को अर्पण करने से शनि की बाधा भी दूर होती है।
- इन राशि वालों के लिए उपासना अहम
सावन में शिव की उपासना शनि से पीडि़त राशि वालों को राहत मिलेगी। मेष, सिंह और साढे़ साती से परेशान चल रहे तुला वृश्चिक और धनु राशि के लोगों के लिए उपासना का विशेष लाभ होगा।
- ख्0 जुलाई को सावन का प्रारंभ
- क्8 अगस्त को होगा सावन का समापन
- ब् सोमवारी में है कई विशेष संयोग
- ख्भ् जुलाई को है पहली सोमवारी
- क्भ् अगस्त को है सावन का आखिरी सोमवार