-शास्त्रीनगर में मासूम और उसकी मां आग का गोला बन गई

-गैस की नॉब खोलकर भूल गई थी मासूम, लाइटर जलाते ही आग लग गई

-पड़ोसियों ने गेट तोड़कर बाहर निकाला, हैलट में एडमिट हैं दोनों

KANPUR : शास्त्रीनगर में शुक्रवार को मासूम की एक भूल से उसकी व मां दोनों की जान खतरे में पड़ गई। खेल-खेल में बच्ची गैस की नॉब खोलकर भूल गई। जिससे गैस रिसती रही। थोड़ी देर बाद मासूम ने मैगी बनाने के लिए गैस जलाने के लिए लाइटर चलाया तो वो आग का गोला बन गई। उसको बचाने में मां भी बुरी तरह झुलस गई। उनकी चीख पुकार सुनकर पड़ोसियों ने गेट तोड़कर उनको बाहर निकाला। उन्होंने किसी तरह आग को बुझाकर दोनों को हैलट में एडमिट कराया गया।

ालत नाजुक

गंभीर रूप से झुलसी मासूम और उसकी मां की हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने मौके पर जाकर पीडि़ता का बयान लिया तो उसने भी खाना बनाते समय आग लगने का बयान है, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग युवती के बेटी समेत आत्महत्या करने की कोशिश करने का शक जता रहे हैं।

घर पर अकेले थी मां-बेटी

शास्त्री नगर में दस दुकान के पास रहने वाले अनिल यादव प्राइवेट जॉब करते हैं। उसके परिवार में पिता सुशील, मां सरस्वती, भाई अमित, पत्नी प्रतिभा और बेटी गुनगुन (7) हैं। सुशील एक प्राइवेट स्कूल की बस चलाते हैं। शुक्रवार को अनिल और सुनील काम पर गए थे, जबकि अमित दोस्त के साथ पुखरायां गया था। वहीं, सरस्वती पड़ोस में गई थी। घर पर सिर्फ प्रतिभा और गुनगुन थीं। दोपहर में गुनगुन मैगी बनाने के लिए किचन में गई थी। वो चूल्हा खोलने के बाद मैगी का पैकेट समेत अन्य सामान निकालने लगी। इस दौरान चूल्हा ऑन होने से उससे गैस का रिसाव होता रहा और गैस किचन समेत रूम में भर गई। इसके बाद उसने जैसे ही चूल्हे पर बर्तन रखकर लाइटर जलाया तो आग लग गई। बेटी को जलते देख प्रतिभा उसको बचाने के लिए दौड़ी। इधर, गुनगुन बचने के लिए प्रतिभा से चिपट गई तो उसके कपड़ों में भी आग लग गई। उनकी चीख पुकार को सुनकर पड़ोसी समेत इलाकाई लोग भागकर घर पहुंचे तो गेट अन्दर से बन्द था। आनन फानन में लोगों ने उनको बचाने के लिए गेट तोड़ दिया। इसी बीच सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने इलाकाई लोगों की मदद से उनको हैलट में एडमिट कराया। जहां सीओ आतिश ने पीडि़ता का बयान लेते हुए उसकी वीडियोग्राफी भी कराई। पीडि़ता ने खाना बनाते समय आग लगने का बयान दिया है। उनकी हालत बेहद नाजुक है। डॉक्टर्स का कहना है कि दोनों 70 फीसदी जल गए हैं। वे दोनों को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इधर, इलाकाई कुछ लोगों ने प्रतिभा के बेटी समेत आत्महत्या की कोशिश करने का शक जताया है। एसओ उदय प्रताप का कहना है कि पीडि़ता के बयान से हादसे की पुष्टि हो गई है।

तो और बड़ा हादसा हो जाता

शास्त्री नगर में दर्दनाक हादसे में मासूम समेत उसकी मां झुलस गई है। अगर इसमें इलाकाई लोग गेट तोड़कर आग को काबू में न करते तो और भी बड़ा हादसा हो सकता था। रूम में भरा हुआ सिलेंडर रखा था। सिलेंडर फट जाता तो कालोनी दरकने के साथ ही और बड़ा हादसा हो सकता था।