गोल्डन कार्ड बनवाने के नाम पर इंटरनेट पर शुरू हो गया फर्जीवाड़ा
कराया जाता है ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, फीड करना पड़ता है डाटा
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PRAYAGRAJ: होशियार हो जाइए। ऐसा न हो कि आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड बनवाने के एवज में आप अपनी पर्सनल जानकारी शेयर कर बैठें और भविष्य में आपको जबरदस्त नुकसान हो जाए। आजकल इंटरनेट पर गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए नाम पर खेल शुरू हो गया है। कई फर्जी वेबसाइट ऑनलाइन आवेदन करने का झांसा दे रही हैं। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है। इसमें फर्जी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन न कराने की सलाह दी गई है।
130 से अधिक पर लगाया प्रश्नचिंह
सरकार ने ऐसी 130 से अधिक वेबसाइट और ऐप का नाम जारी किया है। यहां रजिस्ट्रेशन का ऑफर गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए दिया जा रहा है। डिटेल के तौर पर आधार, पैन कार्ड, बैंक पासबुक डिटेल सहित तमाम पर्सनल इंफॉर्मेशन मांगी जा रही है। सरकार का कहना है कि वेबसाइट डाटा का मिसयूज कर सकती हैं। जिससे लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। तमाम इंटरनेट सर्च इंजनों पर इस समय ऐसी वेबसाइट और ऐप की भरमार है।
आसान है गोल्डन कार्ड बनवाना
आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाना बेहद आसान है। https // mera.pmjay.gov.in पर जाकर कोई भी व्यक्ति जान सकता है कि गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए सूची में उसका नाम है या नहीं।
उसे साइट पर जाकर मोबाइल नंबर डालना होगा
ओटीपी नंबर आने के बाद नाम या राशन कार्ड नंबर से सर्च कर सकते हैं
यह सब भरने के बाद सूची में नाम होने की जानकारी आ जाएगी
इसके बाद एक 24 डिजिट का नंबर प्राप्त होगा, जिसे आयुष्मान मित्र को दिखाना होगा
जिसके बाद गोल्डन कार्ड बन सकेगा
अटल जनसुविधा केंद्रों पर तीस रुपए में गोल्डन कार्ड बनाने की सुविधा है
एक नजर में योजना
23
सितंबर 2018 में योजना को लागू किया गया है।
2.5
लाख परिवारों के लगभग 12.5 लाख लाभार्थी योजना में शामिल हैं।
05
लाख तक का इलाज प्रत्येक परिवार को साल में नि:शुल्क मिलेगा
1300
बीमारियां जैसे कैंसर, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर डायबिटीज समेत लिस्टेड हैं इलाज के लिए
गोल्डन कार्ड बनवाने के तमाम तरीके उपलब्ध हैं। जिनके पास प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचा है वह नजदीक के सरकारी, निजी हॉस्पिटल सहित जनसेवा केंद्र पर जाकर अपना गोल्डन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ। सत्येंद्र राय,
प्रभारी आयुष्मान योजना प्रयागराज