वक्त के थपेड़े इतने बेरहम होंगे मैने कभी नहीं सोचा था पापा। आप सुन रहे हैं ना मैं आपकी वहीं लाडली बेटी शनाया बोल रही हूं। जिसकी हर खुशी पर आपने दुनिया की हर चीज कुर्बान कर दी थी। मेरी हल्की मुस्कान आपको दुनिया का सबसे बड़ा सुख देती थी। फिर वो कौन सी मजबूरी थी कि मेरी भोली सी आवाज आपको हैवान बनने से नहीं रोक पाई। आप सुन रहे हैं न पापा, याद कीजिए आप जब घर से बाहर जाते थे तो मेरे गालों पर प्यारी सी पप्पी देते थे और मैं अपनी तोतली आवाज में आपसे हर बार यही कहती थी कि पापा जल्दी आ जाना। और आप कहते थे कि बेटा तू ही तो मेरा संसार है। आप सुन रहे हैं ना पापा आपकी और मम्मी की तू-तू मै-मैं में जब मैं सुबककर घर के कोने में खुद को कैद कर लेती तो आप ही मुझे पुचकारते थे। आप ही तो मुझसे कहते थे कि चलो बाहर घूम कर आते हैं, आइसक्रीम खाते हैं। तू क्यों रो रही है। और मैं आपके कंधे पर सिर रखकर सो जाती थी। दुनिया की सारी खुशियां समेटकर। स्कूल की मैम मुझसे कहती थी पढ़ाई करो बेटा, मैं कहती थी कि मेरे मम्मी पापा हैं वो जीवन की सारी गणित समझा देंगे। आपके छांव में मैं समूचे संसार को जीतना चाहती थी। छूना चाहती थी हर उस मंजिल को जिससे आपका नाम फलकों तक ऊंचा रह सके। मैं तो अभी प्राइमरी में ही तो पढ़ रही थी। पापा मुझे क्या पता था कि जिंदगी इतनी कठोर हो सकती है। कि मेरे पापा ही मेरी सांसों की गिनती कर रहे हैं। सच कहूं तो मुझे कोई अफसोस नहीं है ना कोई दर्द है बस, एक सवाल है पापा जो मैं पूछना चाह रही हूं कि मेरे प्यारे प्यारे डियर पापा इतने डरावने कैसे बन गए। मेरा तो कोई कसूर नही था। मैं तो जब अपने छोटे-छोटे कदमों से जब आपकी गोद में आती तो आप ही तो कहते है कि मुझे शनाया तूने जिंदगी की हर खुशी दे दी। अब आप ही मुझे बताइए पापा मेरी सांसे ही आपके लिए मुसीबत कैसे बन गई। मैं तो प्राइमरी में हिंदी का पेपर देकर आई थी लेकिन आपने तो मुझे जिंदगी के गणित में फेल कर दिया। आप सुन रहे हैं ना पापा