LUCKNOW (10 Jan): यूपी में ऐसा पहली बार हुआ है कि दस दिन से सूबे के पुलिस मुखिया की कुर्सी खाली है। राज्य सरकार की उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा सीआईएसएफ के डीजी ओपी सिंह को सूबे का नया डीजीपी बनाए जाने का फैसला लिए हुए दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने आकर डीजीपी की कुर्सी नहीं संभाली है। इस देरी को लेकर पुलिस महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। कुछ अफसरों का यह भी कहना है कि ओपी सिंह को केंद्र सरकार में ही बड़ा ओहदा मिल सकता है जिसकी वजह से उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।

 

कभी नहीं रही ऐसी परंपरा

पुलिस विभाग के वरिष्ठ अफसरों की मानें तो सूबे में इतने दिनों तक डीजीपी की कुर्सी खाली रहने की परंपरा कभी नहीं रही। ध्यान रहे कि 31 दिसंबर को डीजीपी सुलखान सिंह के रिटायर होने के बाद केंद्र सरकार में डीजी सीआईएसएफ के पद पर तैनात ओपी सिंह को चार सीनियर आईपीएस अफसरों को सुपरसीड कर डीजीपी की कुर्सी सौंपी गयी थी। इसका फैसला मुख्य सचिव राजीव कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल व प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार की कमेटी ने लेने के बाद केंद्र सरकार से ओपी सिंह को रिलीव करने का अनुरोध भी किया था। बावजूद इसके केंद्र सरकार द्वारा उन्हें अभी रिलीव नहीं किया गया है। चर्चा यह भी है कि वे 15 जनवरी के बाद पदभार ग्रहण कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर चार्ज लेने की औपचारिकता पूरी किए बिना यूपी पुलिस की वेबसाइट पर ओपी सिंह की बतौर डीजीपी ताजपोशी हो चुकी है।

 

यूपी में डीजीपी की कुर्सी कभी इतने दिनों तक खाली नहीं रही। सालों से डीजीपी के रिटायर होने के बाद एक-दो दिन के भीतर दूसरे अधिकारी को तैनात करने की परंपरा रही है। फोर्स के मुखिया की कुर्सी खाली रहना सही नहीं है।

- श्रीधर पाठक, रिटायर आईजी

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