कानपुर (आईएएनएस)। कानपुर के चौबेपुर थाना के अंतर्गत बिकरु गांव में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि दुबे की मौत रक्तस्राव और सदमे की वजह से हुई थी। हिस्ट्रीशीटर विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर से 10 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन उसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था, जिस वाहन से उसे ले जाया जा रहा था वह कानुपर पहुंचते ही कथित तौर पर पलट गया जिसके दुबे ने एक पुलिसकर्मी की बन्दूक छीनने के बाद भागने की कोशिश की। जब पुलिस ने दुबे को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तो उसने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। अंत में क्रॉस फायरिंग में गैंगस्टर की मौत हो गई।

न्यायिक जांच का आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने बाद में इस एनकाउंटर का सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एस.के. अग्रवाल के नेतृत्व में न्यायिक जांच करने का आदेश दिया। विपक्षा का आरोप है कि गैंगस्टर को अपने राजनीतिक आकाओं की पहचान की रक्षा के लिए एक 'फर्जी मुठभेड़' में मार दिया गया है। आयोग को अपनी रिपोर्ट देने के लिए दो महीने का समय दिया गया है। विकास दुबे के उदय और पुलिस की भूमिका की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का भी गठन किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल ने एक ई-मेल के अलावा एक मोबाइल नंबर भी जारी किया है। लोगों के लिए आईडी और डाक पते, जिसमें उनके प्रतिनिधि भी शामिल हैं, एसआईटी से संपर्क करें और जो भी तथ्य उन्हें मारे गए गैंगस्टर और उसके गुर्गों के बारे में पता हो, उन्हें अवगत करा सकते हैं।

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