- बिजली, पानी, गड्ढों और क्राइम से जूझ रहा शहर, लेकिन डिप्टी सीएम ने सिर्फ आश्वासन देकर निपटा दी बैठक- जिला योजना समिति की बैठक में पहुंचे थे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, हर बार की तरह अधिकारियों को सिर्फ कड़ी नसीहत

- बैठक में 660 करोड़ के विकास कार्यो पर लगी मुहर, सबसे ज्यादा सड़क निर्माण के लिए 153 करोड़ का बजट

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KANPUR : थर्सडे को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या जिला योजना समिति की बैठक की अध्यक्षता करने पहुंचे. विभागीय अधिकारी आंकड़े मजबूत करके मीटिंग में आए, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने उनकी पोल खोल दी. एक के बाद एक समस्याओं की झड़ी से मीटिंग की शुरूआत हुई लेकिन हर बार की तरह डिप्टी सीएम मौर्या ने शहर की समस्याओं पर सिर्फ आश्वासन देकर मीटिंग खत्म कर दी और चले गए. सरकार की नीतियों के विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी भी साफ-साफ बच गए.

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मुसीबतों पर डिप्टी सीएम के आश्वासन

मुसीबत नंबर-1 : बिजली कटौती

जवाब : केस्को यह ध्यान रखें कि बिजली कटौती न की जाए. शहरों को 22 घंटे और रूरल एरियाज में 18 घंटे बिजली सप्लाई की जाए. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए.

मुसीबत नंबर-2 : वाटर सप्लाई

जवाब : जलकल और जल निगम पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें. लीकेज होने पर समय से उन्हें बनाया जाए. बंद पड़े ओवरहेड टैंक को चालू कर पानी की सप्लाई करें.

मुसीबत नंबर-3 : सड़कों की खुदाई

जवाब : सड़कों की हो रही खुदाई के लिए डीएम को विभागों में समन्वय बनाने के लिए निर्देश दिए हैं. समन्वय समिति का क्या हुआ, इसको दिखवाऊंगा.

मुसीबत नंबर-4 : क्राइम

जवाब : क्राइम पर जीरो टॉलरेंस है. अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए एसएसपी को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं. अभियान चलाकर अपराधियों को जेल में डाला जाएगा.

मुसीबत नंबर- 5 : जलभराव

जवाब : बारिश से पहले डीएम की अध्यक्षता में 3 अधिकारियों टीम मॉनिटरिंग करें. 10 दिन में नाला सफाई पूरी की जाए. पांडु नदी पर बनी दीवार गिराई जाए. जलभराव वाले प्वाइंट चिन्हित कर जलभराव दूर करें.

मुसीबत नंबर- 6 : पुलों का धीमा निर्माण

जवाब : सीओडी पुल निर्माण को लेकर इस भी आश्वासन दिया गया. डिप्टी सीएम जब-जब कानपुर आए, हर बार उन्होंने एक नई डेट देकर इसे पूरा कराने का आश्वासन दिया.

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सड़क निर्माण पर 153 करोड़ होंगे खर्च

वहीं बैठक में 660.11 करोड़ के प्रस्तावित विकास कार्य पास किए गए. सबसे ज्यादा बजट सड़क निर्माण 153 करोड़ और स्वच्छता पर 149 करोड़ रुपए अगले एक साल में खर्च किए जाएंगे. इस मौके पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और सांसद सत्यदेव पचौरी, महापौर प्रमिला पांडेय भी माैजूद रहीं.

भ्रष्ट कंपनी को ही टेंडर

शहर में सीवर और पेयजल लाइन में गोलमाल करने वाली कंपनी को ही फिर से लाइन डालने का टेंडर दे दिया गया. महापौर प्रमिला पांडेय ने डिप्टी सीएम के सामने इसकी कंप्लेन की तो वह भी चौंक गए. उन्होंने टेंडर कैसे दिया गया, इसकी जांच के निर्देश दिए हैं. बता दें कि इसी कंपनी ने जेएनएनयूआरएम योजना के तहत लाइन डाली और उनको बिना लिंक किए ही बंद कर दिया. लाइनों की टेस्टिंग में पानी के फूट रहे फव्वारे इसी कंपनी की देन हैं.

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कब्जे पर केडीए जिम्मेदार

शहर में बने तालाबों पर कब्जे होने पर केडीए की जिम्मेदारी होगी. नजूल और सीलिंग की जमीन को छोड़कर केडीए बाकी जमीनों की निगरानी करेगा. वहीं सांसद सत्यदेव पचौरी ने डिफेंस की जमीन पर खाली हो रहे कब्जेधारकों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव रखा. विधायक नीलिमा कटियार ने स्मार्ट सिटी में ऐसे इलाकों में वाटर कनेक्शन देने के लिए कहा, जहां कनेक्शन अभी तक नहीं दिए गए हैं.

इनकी होगी जांच

-सीवर लाइन डालने में भ्रष्टाचारी कंपनी को ठेका कैसे मिला, जांच हो.

-पीएम आवास ग्रामीण में 2-2 गांवों में लाभार्थियों की जांच की जाएगी.

-खराब हो रहे हैंडपंपों की जांच कर रिपोर्ट दी जाए. डीएम सत्यापन करें.

-किसी भी विभाग में अनियमितता पाए जाने पर उसकी जांच की जाए.

-गुमटी और नमक फैक्ट्री चौराहा रोड पर नाला ऊपर होने की जांच करें.

-जिला पंचायत में पिछले साल के विकास कार्यो की जांच कर रिपोर्ट दें.

-किसान सम्मान में लाभार्थियों की संख्या कम होने की जांच की जाएगी.

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इन विकास कार्यो में इतना बजट

सड़क निर्माण- 153 करोड़

हेल्थ- 20 करोड़ रुपए

एजूकेशन- 72 करोड़

पेयजल- 29 करोड़

स्वच्छता - 149 करोड़

आवास निर्माण- 52 करोड़

इंप्लॉयमेंट- 41 करोड़

महिला कल्याण- 10 करोड़

दुग्ध विकास- 11 करोड़

लाभार्थीपरक योजनाएं- 57 करोड़

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कई एमएलए और ऑफिसर्स मौजूद

-विधायक महेश त्रिवेदी, अभिजीत सिंह सांगा, कमलरानी वरुण, नीलिमा कटियार, भगवती सागर, जिला पंचायत अध्यक्ष पुष्पा कटियार, पार्षद सौरभ देव, अशोक पाल, अर्पित यादव, जिला पंचायत सदस्य सहित डीएम विजय विश्वास पंत, सीडीओ अक्षय त्रिपाठी भी मौजूद रहे.