-दो साल से सरकार नहीं दे रही आरटीई में एडमिशन दिलाए बच्चों का फीस

-पेरेंट्स ने अधिकारियों से की शिकायत, विभागीय अधिकारी मामले से झाड़ रहे पल्ला

VIKASHNAGAR (JNN) : ब्लाक क्षेत्र के एक निजी शिक्षण संस्थान पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश देने से इंकार करने का आरोप अभिभावकों ने लगाया है। संस्थान की कारगुजारी की शिकायत करने पहुंचे अभिभावकों को बीआरसी द्वारा बैरंग वापस भेज दिया गया, जिसके चलते अभिभावकों में गहरा आक्रोश है। उधर, निजी शिक्षण संस्थान के प्रबंधन का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा पिछले दो वर्ष से आरटीई के तहत प्रवेश पाए छात्रों का शुल्क नहीं दिया गया है, जिसके चलते वह विद्यालय में नए प्रवेश दिलाने में असमर्थ हैं। विभाग व शिक्षण संस्थान की आपसी खींचतान में नौनिहालों का भविष्य अधर में लटक गया है और जिम्मेदार मौन बने तमाशा देख रहे हैं।

स्कूल प्रबंधन ने लौटाया

ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत हरबर्टपुर रोड स्थित एक निजी शिक्षण संस्थान प्रबंधन ने स्कूल में आरटीई के तहत ख्भ् प्रतिशत गरीब बच्चों को प्रवेश देने से मना कर दिया है। इस स्कूल में विभाग द्वारा भेजे गए नौनिहालों की सूची के अनुसार अभिभावकों के प्रवेश के लिए जाने पर स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बैरंग वापस लौटा दिया है। अभिभावकों यह बताया गया है कि पिछले दो वर्ष से विभाग ने आरटीई के तहत प्रवेश वाले छात्रों का शुल्क अदा नहीं किया है, जिसके चलते नए छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रबंधन की शिकायत लेकर ब्लाक संसाधन केंद्र पहुंचे अभिभावकों को बीआरसी द्वारा भी बैरंग वापस लौटा दिया गया।

नहीं की कार्रवाई

शिक्षा सत्र शुरू हुए एक माह बीतने के बाद भी नौनिहालों को प्रवेश नहीं दिए जाने जैसे गंभीर मामले पर अधिकारियों का चुप्पी साधे रहना सवालिया निशान लगा रहा है। जबकि शुल्क अदा नहीं किए जाने की सूचना निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा पिछले सत्र में ही दे दी गई थी, बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। न ही बीआरसी व सीआरसी ने निजी शिक्षण संस्थाओं में जाकर संचालकों को आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराने की कार्रवाई की। अप्रैल माह समाप्त होने की कगार पर आने के बाद भी निजी शिक्षण संस्थान से आरटीई के तहत प्रवेश पाए बच्चों की सूची ब्लाक कार्यालय को नहीं मिलने पर भी बीआरसी व सीआरसी ने इसका कारण जानने की जहमत नहीं उठाई।

बीआरसी ने भी बैरंग लौटाया

जब अभिभावक स्वयं स्कूल की कारगुजारी की सूचना देने पहुंचे तो उन्हें भी फटकार लगाकर वापस भेज दिया गया। दरअसल अधिकारी बने बैठे बीआरसी व सीआरसी कभी भी दफ्तर से बाहर निकल कर वस्तुस्थिति जानने का प्रयास ही नहीं करते हैं, जिसके चलते उन्हें कोई भी जानकारी नहीं रहती है। बहरहाल स्कूल संचालक व विभाग की आपसी खींचतान में बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी बीईओ, उप शिक्षा अधिकारी व बीआरसी, सीआरसी ब्लाक संसाधन केंद्र में बैठे तमाशा देख रहे हैं।

उप शिक्षाधिकारी को विद्यालय प्रबंधन से वार्ता कर बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित कराने व अपने अधीनस्थ कर्मियों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए जाएंगे।

-एसपी खाली, मुख्य शिक्षा अधिकारी।