- छैमार गैंग का सरगना है 50 हजार का इनामी बदमाश तावर अली

- लखनऊ एसटीएफ ने पुरानी जिला जेल के पास किया अरेस्ट

बरेली : तीन सालों से फर्जी कांस्टेबल बन पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहे छैमार गैंग के सरगना को आखिरकार लखनऊ एसटीएफ ने सैटरडे तड़के करीब 5.30 बजे पुरानी जिला जेल के पास धर दबोचा। एसटीएफ ने पूछताछ के बाद उसे कोतवाली पुलिस को सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने बदमाश पर पचास हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। फिलहाल पुलिस ने खुलासा कर बदमाश को जेल भेज दिया है। उसके पास पुलिस को कांस्टेबल का फर्जी आईडेंटिटी कार्ड भी मिला है।

16 मुकदमे हैं दर्ज

भुता थाना क्षेत्र डेरा सिंघाई निवासी तावर अली छैमार गैंग का सरगना है। लम्बे अरसे से क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस उसकी तलाश में झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ छापेमारी कर उसे गिरफ्तार करने में जुटी थी। पुलिस ने तावर अली पर पचास हजार रुपए का ईनाम घोषित कर दिया था। तावर अली पर किला, फरीदपुर, देवरनियां, बिथरी चैनपुर, भुता, इज्जतनगर और रामपुर कोतवाली समेत कई थानों में लूट, डकैती और जानलेवा हमला करने के आरोप में 16 मुकदमे दर्ज हैं।

कई शहरों में मचाया आंतक

साल 2010 में रामपुर में डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद पुलिस ने उसे लाइसेंसी बंदूक व डकैती के माल सहित गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। फरवरी 2017 में तावर अली जेल से बाहर निकला। उसके बाद साल 2017 में उसने अपने साथियों के साथ जिले में ताबड़तोड़ डकैती और लूट की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। पुलिस से बचने के लिए वह समय-समय पर ठिकाने बदलने लगा। पुलिस ने मुताबिक तावर अली ने बरेली पुलिस की नाक में दम कर दिया था। वह घुमन्तू जाति छैमार का है। वह गैंग बनाकर प्रदेश के शामली, मुरादाबाद, मेरठ आदि शहरों में डेरा डालकर अस्थायी रूप से रहता था। फिर रेकी कर वहां डकैती और लूट की वारदात को अंजाम देते थे।

पकड़े गए बदमाश के पास एक अवैध तमंचा दो जिंदा कारतूस मिले हैं। पुलिस के बचने के लिए बदमाश ने कांस्टेबल का फर्जी आईडी कार्ड बनाया था। उसके पास से कार्ड मिला है। बदमाश ने राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड में भी लूट और डकैती वारदातों को अंजाम दिया है।

शैलेश कुमार पाण्डेय, एसएसपी