अखाड़ों से जुड़े संत-महात्माओं ने शुरू किया कुंभ का प्रचार-प्रसार

ALLAHABAD: संगम की रेती पर अगले वर्ष आयोजित होने जा रहे कुंभ मेला को दिव्य और भव्य बनाने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार की ओर से तैयारियां जोरों पर की जा रही हैं तो संत-महात्मा भी उनके साथ कदम ताल करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। खासतौर से यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में कुंभ को शामिल किए जाने के बाद अखाड़ों की ओर से उसकी महत्ता बताने के लिए विदेशियों का सत्कार किया जा रहा है। सत्कार के जरिए विदेशी प्रशंसकों के बीच संत-महात्माओं ने भी कुंभ का प्रसार-प्रचार शुरू कर दिया है।

हाईटेक हुए अखाड़ों के मुख्यालय

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अन्तर्गत आने वाले देश के तेरह अखाड़ों में से श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन, नया उदासीन व श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के इलाहाबाद स्थित मुख्यालय में कुंभ के प्रचार-प्रसार को लेकर गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। इन अखाड़ों में प्रचार-प्रसार के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें लैपटाप के जरिए विदेशी प्रशंसकों को जोड़ा जा रहा है।

वेबसाइट और फेसबुक बना माध्यम

संत-महात्माओं ने अपने विदेशी प्रशंसकों को कुंभ में आमंत्रित करने के लिए वेबसाइट और फेसबुक को सहारा बनाया है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के अध्यक्ष श्री महंत महेश्वर दास तो अभी से मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाकर प्रशंसकों को लैपटाप के जरिए अपडेट कर रहे हैं। इसी तरह श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महंत आशीष गिरि कंट्रोल रूम में फेस बुक पेज बना चुके हैं और वे भी पेज के जरिए प्रशंसकों को जोड़ रहे हैं।

जुलाई से आने लगेंगे प्रशंसक

निरंजनी अखाड़ा हो या श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण। इनके साथ अन्य अखाड़ों के मुख्यालय में जुलाई महीने से विदेशी प्रशंसक आने शुरू हो जाएंगे। महंत आशीष गिरि की मानें तो कुंभ के शाही स्नान का विहंगम नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी आते हैं। इसीलिए उनको शाही स्नान की तिथियां व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी जा रही है।

यूनेस्को ने कुंभ की महत्ता को पहचाना है। इससे यहां के वैभव में चार चांद लगा है। हम लोगों ने भी अपने प्रशंसकों को यहां बुलाने की योजना बनाई है। इसके लिए आधुनिक तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है।

श्रीमहंत महेश्वर दास, अध्यक्ष, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण