- फॉरेंसिक रिपोर्ट और क्राइम सीन रीक्रियेशन में आईएएस उमेश कुमार सिंह के बयानों की हुई पुष्टि

- एफआईआर में उठाए गए बिंदुओं को रिपोर्ट ने किया खारिज

LUCKNOW : आईएएस उमेश कुमार सिंह पर लगा पत्‍‌नी अनीता सिंह की हत्या का कलंक आखिरकार साइंटिफिक एविडेंस से धुल गया। फॉरेंसिक रिपोर्ट और क्राइम सीन रिक्रियेशन में उनके द्वारा बताए गए घटनाक्रम की पुष्टि हो गई। जिसके बाद रविवार देररात पुलिस ने अनीता सिंह के चचेरे भाई विवेक द्वारा दर्ज कराई गई हत्या की एफआईआर को खारिज कर दिया। आइये बताते हैं उन साक्ष्यों के बारे में जिन्होंने आईएएस सिंह को बेकुसूर साबित करने में अहम भूमिका निभाई।

डेढ़ घंटे तक रिक्रियेशन

अनीता सिंह की मौत का सच जानने के लिये फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने रविवार को घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रियेशन किया। इस दौरान विशेषज्ञों ने उमेश कुमार सिंह, नौकर तुलसीराम व विकास से कई सवाल किये। इसी के आधार पर हर चीज को साइंटिफिकली जांचा-परखा गया। करीब डेढ़ घंटे तक घटनास्थल व परिजनों के बयानों से मिलान के बाद टीम वापस लौट गई और छह घंटे में अपनी रिपोर्ट एसएसपी कलानिधि नैथानी को सौंप दी।

बयान और रिक्रियेशन का मिलान

घटना के बाद आईएएस सिंह ने पुलिस को बताया था कि दोपहर करीब ढाई बजे गोली चलने की आवाज सुनकर वे और नौकर तुलसीराम भागकर वहां पहुंचे। लेकिन, बेडरूम का दरवाजा भीतर से बंद था। उन्होंने दरवाजे को धक्का मारा, जिससे दरवाजे की सिटकनी टूट गई और वे भीतर पहुंचे। जहां अनीता सोफे पर खून से लथपथ पड़ी थीं। वे अनीता को उठाकर पहले सहारा हॉस्पिटल फिर ट्रॉमा सेंटर ले गए। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। रीक्रियेशन में दरवाजे के भीतर से बंद होने व उसे बाहर से तोड़े जाने की पुष्टि हुई। इसके अलावा गोली के अनीता के शरीर से निकलने और फिर फर्श पर टकराते हुए छत पर टकराने की बात भी प्रमाणित हुई।

साइंटिफिक एविडेंस भी फेवर में

अनीता के चचेरे भाई विवेक सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि अनीता के लगी गोली का एंट्री प्वाइंट बड़ा और एग्जिट प्वाइंट छोटा क्यों? इस सवाल पर फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब करीब से गोली मारी जाती है तो यह संभव है। इसके अलावा फॉरेंसिक एक्सप‌र्ट्स ने घटना के बाद आईएएस उमेश व नौकर तुलसीराम के हाथों का स्वाब सैंपल लिया था। इस सैंपल की जांच से पता चल जाता है कि उस शख्स ने गोली चलाई या नहीं। इस सैंपल की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। जिसने आईएएस उमेश कुमार सिंह को निर्दोष साबित करने में अहम भूमिका निभाई।