- शुक्लागंज के गंगाघाट थाने का मामला, वादी पक्ष के साथ मिलीभगत होने का आरोप

-दस दिन से आरोपी छात्र को थाने में बैठाए रखा गया, पीडि़त परिजन व क्षेत्रीय लोगों ने किया विरोध

UNNAO:

पुलिस की गिरती छवि को सुधारने के लिए कई बार विभाग के आलाधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर महकमे को चेताया कि किसी को सताया नहीं जाएगा। इसके बावजूद मित्र पुलिस के कुछ अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। मामला जनपद के शुक्लागंज के गंगाघाट थानाक्षेत्र का है, पीडि़त परिजनों ने एसपी से शिकायत की है कि बेटे को पिछले दस दिनों से थाने में बंद करके रखा गया है। जिससे मिलने भी नहीं दिया जाता है। आरोप लगाया कि वादी पक्ष से मिल कर कुछ लोगों की सह पर थाना पुलिस अमानवीय व्यवहार कर रही है।

मामले को संज्ञान में लेकर एसपी रतन कुमार श्रीवास्तव ने सीओ सदर गोपी नाथ सोनी को जांच के आदेश दे दिये है। वहीं दस लोगों के लिखित बयान दर्ज करा कर छात्र को छोड़ने के निर्देश देकर पीडि़त परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कटरी पीपरखेड़ा थाना गंगाघाट के मोहल्ला श्रीनगर निवासी मनोज कुमार सिंह पर हुए हमले के संबंध में धीरेंद्र सिंह ने थाने में साधू मिश्रा, पवन मिश्रा व वीरेन्द्र चतुर्वेदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ छात्र पवन मिश्रा को गिरफ्तार किया था। जिसको पिछले दस दिनों से पूछताछ के नाम पर थाने में बैठाए रखे हैं। एसपी कार्यालय आये क्षेत्रीय लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि थाना पुलिस दबंग बालू खनन व राजनेताओं के कहने पर ये कार्रवाई कर रही है। पीडि़त परिवार के सदस्यों का पिछले दस दिनों से रो रोकर बुरा हाल हो गया है। थाने में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

पहले बाप को लाओ फिर लड़का छुड़ाना

पीडि़त परिवार की तरफ से आरोपी छात्र की बहन सानिया तिवारी ने बताया कि जब भाई को खाना देने जाते हैं तो सिपाही दुत्कार के भगा देते हैं। भाई को छोड़ने की गुहार लगाने पर कहते हैं कि पहले बाप को लेकर आओ फिर भाई को ले जाना।

हमें मालूम है, बेकसूर हैं

आरोपी छात्र पवन की मौसी पुष्पा देवी व क्षेत्र की कुछ महिलाओं ने बताया कि पुलिस के कुछ लोगों से लड़के को छोड़ने के संबंध में बात की तो उन्होंने भी यही कहा कि हमें मालूम है कि छात्र बेकसूर है। लेकिन हम चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते, ऊपर से आदेश है।

संदेह के घेरे में थाने की कार्रवाई

शिकायत करने आये लोगों ने एसपी रतन कुमार श्रीवास्तव के सामने कुछ सवाल रखे।

- घायल महिला के पैर में छर्रे लगे, मारने की स्थिति साफ नहीं

-मारने वाला घर में आराम से नहीं मिलता

-घटना को लेकर पुलिस कारण व रंजिश तक को नहीं बता पाई

- छात्र का कोई अपराधिक रिकार्ड न होने के बावजूद ऐसी कार्रवाई क्यों की गई

लापता हो गए मानवाधिकार

इसी क्0 तारीख को विश्व मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य पर जनपद में लोगों को जागरुक करने के लिए संस्था ने आयोजन किया था। पुलिस उत्पीड़न व न्याय संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए संस्था ने कई नये सदस्यों को जोड़ कर पीडि़तों के लिए कार्य करने को प्रेरित किया गया था। इसके बावजूद सारा काम सदस्यता बनवाने व कार्ड तक सीमित रह गया। जब एक छात्र को पिछले दस दिनों से थाने में बैठाया जाता है। वहीं क्षेत्र के मानवाधिकार सदस्यों को कुछ पता ही नहीं चला। इस संबंध में जिलाध्यक्ष मानवाधिकार संस्था के कौशलेंद्र मिश्र ने बताया कि जो मामले संज्ञान में आते हैं, उनको लेकर संस्था तुरंत संबंधित विभाग में जाकर हल कराती है।