पाकिस्तान की ओलंपिक टीम के साथ कोई आतंकी आसानी से लंदन पहुंच सकता है और तबाही मचा सकता है। उसे फर्जी पासपोर्ट के जरिए भेजने में पाकिस्तान के राजनेता भी शामिल हैं। इस आशंका ने ब्रिटेन में खलबली मचा दी है। सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।

ब्रिटेन के ‘द सन’ अखबार के स्टिंग ऑपरेशन ने साबित कर दिया है कि पाकिस्तान में पैसा देकर कुछ भी करवाया जा सकता है। इस ऑपरेशन के तहत अखबार का एक रिपोर्टर फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनवाने वाले गिरोह से मिला। पासपोर्ट बनने के बाद लाहौर के राजनेता आबिद चौधरी से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि सात हजार पौंड (लगभग 10 लाख पाकिस्तानी रुपये) में ब्रिटेन का दो महीने का वीजा और पाकिस्तानी टीम के सपोर्ट स्टाफ में जगह मिल जाएगी। इस पूरी सौदेबाजी के दौरान अखबार के रिपोर्टर से एक बार भी नहीं पूछा गया कि वह ब्रिटेन क्यों जाना चाहता है।

इसके बाद रिपोर्टर को नेशनल डाटाबेस रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (पासपोर्ट ऑफिस) के दफ्तर ले जाया गया। वहां आंकड़ों के ढेर में से उसकी उम्र वाले एक ऐसे पाकिस्तानी पासपोर्टधारी की खोज की गई जो मर चुका था। रिपोर्टर को उसी के नाम का पासपोर्ट जारी कर दिया गया। उसे मुहम्मद अली का नाम मिला जिसका जन्म 8 नवंबर, 1977 को हुआ था।

द सन के रिपोर्टर ने पाकिस्तानी टीम में सपोर्ट स्टाफ की जगह पाने के लिए आबिद चौधरी से मिला। उन्होंने बताया कि एक हजार पौंड खर्च करने पर पाकिस्तान स्पोट्र्स बोर्ड की वह चिट्ठी मिल जाएगी, जो रिपोर्टर को सपोर्ट स्टाफ का दर्जा दिला देगी। अखबार के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद ब्रिटेन की एजेंसियां फर्जी दस्तावेजों से लंदन पहुंचे लोगों की तलाश में जुट गई हैं। होम मिनिस्ट्रीजने कहा है कि फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़े ये सुबूत पाकिस्तानी अधिकारियों को मुहैया कराए जाएंगे।

International News inextlive from World News Desk