-शहर की तीनों विधान सभाएं हैं भाजपा के लिए मुफीद

-सोशल मीडिया पर लाइक्स के टारगेट ने बढ़ाई मुश्किल

आई स्पेशल

sundar.singh

Meerut: प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर रणभूमि तैयार होने लगी है। नया प्रदेश अध्यक्ष बनते ही बीजेपी में प्रत्याशी चयन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक हाईकमान इस बार मेरठ से तीनों सीटिंग विधायकों के टिकट काटने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि जो विधायक सोशल मीडिया पर एक्टीव नहीं है। साथ ही उसका रिपोर्ट कार्ड 60 फीसदी से नीचे है ऐसे सिटिंग विधायकों का भी इस बार पार्टी टिकट काट रही है। जिसके चलते अन्य क्षेत्रीय नेताओं ने टिकट पाने के लिए ऐड़ी-चोटी के जोर लगाने शुरू कर दिए हैं। कईयों को राष्ट्रीय नेताओं का आशीर्वाद भी प्राप्त हो गया है।

बीजेपी का कब्जा

नए परिसीमन के बाद शहर की तीनों सीट बीजेपी के लिए मुफीद मानी जाती हैं। वर्तमान में भी तीनों सीटों पर बीजेपी पर कब्जा है। लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस बार यूपी में भी गुजरात कार्ड खेलने की तैयारी में है। उन्होंने साफ कह दिया है जिस विधायक को फेसबुक पर 25 हजार से कम लाइक्स मिलेंगे व सर्वे में उनका रिपोर्ट कार्ड 60 फीसदी से नीचे हैं इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा।

छूट रहा पसीना

अमित शाह ने जो फेसबुक लाइक्स का पैमाना तय किया है। उससे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के अकेले मेरठ से तीनों विधायकों के टिकट पर तलवार लटकती दिखाई दे रही है। जिसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं।

25000 हजार टारगेट

अमित शाह ने विधायकों को 25 हजार लाइक्स हासिल करने का फरमान सुनाया है। जबकि सांसदों के लिए यह आंकड़ा 50 हजार निर्धारित किया गया है। पिछले दिनों हुई कार्य समिति की बैठक में अमित शाह ने साफ कहा था कि टिकट बांटते समय इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि अपने क्षेत्र में कौनसा नेता कितना लोकप्रिय है। इसका पता उसके फेसबुक पेज से लगाया जाएगा।

मेरठ दक्षिण पर पेच

शहर में मेरठ दक्षिण विधानसभा से रविन्द्र भड़ाना विधायक हैं। उन्हें पिछले विधान सभा चुनाव में आनन-फानन में डॉ। सोमेन्द्र तोमर का टिकट काटकर पार्टी ने चुनाव लड़ाया था। लेकिन सोशल मीडिया पर विधायक जी कम ही एक्टीव रहते हैं। उनके ज्यादातर स्टेटस पर लाइक्स का आंकड़ा 500 के पार नहीं पहुंचा है। जिसके चलते अन्य दावेदारों ने सीट से टिकट पाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। साथ ही कई नेताओं ने आशीर्वाद प्राप्त कर क्षेत्र में प्रचार-प्रसार तक शुरू कर दिया है।

शहर की हालत भी खस्ता

शहर से सीट से डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी विधायक है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहने के बाद उनका ध्यान शहर पर कम ही रहा। जिसके चलते उनकी लोकप्रियता भी काफी कम हुई है। सोशल मीडिया पर भी उनके स्टेटस पर बहुत ज्यादा रैसपोंस नहीं मिलता है। इसलिए सूत्रों का दावा है कि हाईकमान उन्हें राष्ट्रीय टीम में सैट करने की तैयारी कर रहा है। जिसके चलते शहर पर भी अन्य दावेदारों ने नेताओं की परिक्रमा शुरू कर दी है।

कैंट पर भी दावेदारी

कैंट सीट से सत्यप्रकाश अग्रवाल विधायक हैं। क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता तो काफी देखी गई है। लेकिन सोशल साइट की बात करें तो तीनों विधान सभाओं में सबसे कम उन्हीं के समर्थक हैं। जिसके चलते शहर के अन्य नेताओं ने पार्टी हाईकमान के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं।

किस सीट पर कौन दावेदार

कैंट विधान सभा: मुकेश सिंघल, अजय गुप्ता, अजीत राठी, जयकरण गुप्ता, अमित अग्रवाल, अरुण वशिष्ट

शहर विधान सभा: पीयूष शास्त्री, कमलदत्त शर्मा, कृष्ण गोपाल

मेरठ दक्षिण: युवा मोर्चा राष्ट्रीय मंत्री सोमेन्द्र तोमर, नरेश गुर्जर

सोशल मीडिया पर नेताओं का हाल

मेरठ-लक्ष्मीकांत वाजपेयी, 24718 फेसबुक फ्रेंड

मेरठ कैंट-सत्यप्रकाश अग्रवाल, 758 फेसबुक फ्रेंड

मेरठ दक्षिण- रविन्द्र भड़ाना, 6057 फेसबुक फ्रेंड

वास्तव में इस बार टिकट वितरण में सोशल साइट का भी अहम रोल रहेगा। मिशन 2017 के लिए मंथन शुरू कर दिया गया है। इस बार टिकट फाइनल करने में बीजेपी देरी नहीं करेगी। ताकि प्रत्याशियों को कैंपेन के लिए पूरा समय मिल सके।

केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी यूपी