-सदमा पहुंचा, हर वक्त महसूस कर रहे हैं भूकंप का

खौफ

-दून से गए लोगों ने आई नेक्स्ट से शेयर की नेपाल की आपबीती

-काठमांडू से कई किमी दूर तक शादियों की महज औपचारिकताएं

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DEHRADUN : बीते ख्भ् अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप के खौफ वहां लोगों में उतरने का नाम नहीं ले रहा है. बस, यूं ही अकेले गुपचुप बैठे लोग अचानक डर महसूस कर रहे हैं. खास बात यह है कि हिंदू राष्ट्र माने जाने वाले नेपाल में भी शादियों का सीजन चल रहा है. शहनाई व हाथ पीले होने तो दूर काठमांडू से फ्00-ब्00 किमी दूर तक के गांवों, कस्बों व शहरों में महज सादगीपूर्ण तरीके से ही शादी की रस्में अदा की जा रही हैं.

लोगों में सदमे के कारण खौफ

नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप का खौफ, डर व भय स्थानीय लोगों में कम होने का नाम नहीं ले रहा है. मदद के लिए नेपाल पहुंचे मददगार मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं, लेकिन इसी बीच महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग यदा-कदा भूकंप के झटके महसूस होने की बात कह रहे हैं. भूकंप इतना त्रासदी पूर्ण रहा कि स्थानीय लोगों में इसका सदमा तक पहुंच चुका है. यह कहना है देहरादून से कुछ दिन पहले राहत समाग्रियां लेकर काठमांडू पहुंचे टपकेश्वर स्थित मां वैष्णो देवी गुफा मंदिर के प्रमुख आचार्य विपिन जोशी का. उन्होंने वेडनसडे को काठमांडू से सीधे आई नेक्स्ट से बातचीत में कहा है कि लोगों में भूकंप का खौफ इतना व्याप्त है कि लोगों में हर वक्त भूकंप का खौफ दिलो-दिमाग में बैठा हुआ है. सदमा पहुंचने जैसे हालात स्थानीय लोगों में हैं.

नहीं बज पा रही शहनाई

आचार्य विपिन जोशी ने कहा कि काठमांडू में तो कुदरत के तांडव से उभरने के लिए रेस्क्यू जारी है, लेकिन काठमांडू से फ्00-ब्000 किमी दूर तक भूकंप की त्रासदी भय बरकरार है. इन इलाकों में शादी के सीजन में शहनाई बजने के बजाय महज सादगी पूर्ण तरीके से औपचारिकताएं निभाई जा रही हैं. आचार्य विपिन जोशी के अनुसार उन्होंने पशुपति नाथ के प्रधान पुजारी रावल गणेश भट्ट से मुलाकात की और भारत-नेपाल की सुख समृद्धि के लिए भगवान पशुपतिनाथ से दुआएं मांगी.

मूलभूत आवश्यकताओं की जरूरत

आचार्य के अनुसार हालांकि जिंदगी को पटरी पर आने के लिए काफी वक्त लगेगा. लेकिन फिलहाल वहां जीने के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की जरूरत जरूरी हैं, जो देश-विदेश से पहुंच रही हैं, दुकानें बंद हैं. पशुपतिनाथ मंदिर के ठीक पीछे लगातार दाह संस्कार का सिलसिला जारी है. मौसम यदा-कदा खराब हो रहा है. ट्यूजडे को भी बारिश हुई.

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सामग्री नेपाल एंबेसी को सौंपी जाएगी

मैड संस्था ने भी नेपाल में आए भूकंप पीडि़तों की सहायतार्थ के लिए नई दिल्ली स्थित नेपाल की एंबेसी से बात कर नेपाल में राहत सामग्री भेजने का निर्णय लिया है. मैड के मेंबर करन के अनुसार पीडि़तों के लिए जरूरतमंद सामग्री जमा करने के लिए सभी मेंबर्स ने शुरुआत कर दी है, जिसके बाद एक मई को सारी इकट्ठी सामग्री नेपाल एंबेसी को सौंप दी जाएगी.