ऐसी है जानकारी
बताया गया है कि एपिक ने दोनों के खिलाफ ट्रेड सीक्रेट को चोरी करने का मुकदमा दायर किया था। इस मामले में टीसीएस ने कहा है कि उसने ऐसा कोई काम नहीं किया है और वह इस फैसले के खिलाफ अपील जरूर करेगी। विस्कांसिन राज्य की मैडिसन स्थित जिला अदालत में कई दिनों तक सुनवाई चली। इसके बाद फेडरल ग्रैंड ज्यूरी ने आदेश दिया कि टीसीएस और टीएआइसी को हर हाल में एपिक को 24 करोड़ डॉलर (करीब 1,596 करोड़ रुपये) चुकाने होंगे। इसके अलावा दोनों को हर्जाने के तौर पर 70 करोड़ डॉलर (करीब 4,655 करोड़ रुपये) का भुगतान अलग से करना होगा।

ऐसा लगाया गया था आरोप
एपिक सिस्टम्स ने कोर्ट में टीसीएस और टीएआइसी के खिलाफ अक्टूबर, 2014 में मुकदमा दायर किया था। इस दौरान इस बात का आरोप लगाया था कि दोनों ने एपिक से जुड़े व्यापार रहस्य, गोपनीय सूचनाएं, दस्तावेज और आंकड़े चुराए हैं। टीसीएस ने उसके ग्राहक को सलाह देते समय ये डाटा चुरा लिया। एपिक के मुताबिक टीसीएस के एक कर्मचारी के अकाउंट में 6,477 दस्तावेज डाउनलोड किए गए। इस अकाउंट का भारत और अमेरिका में कई जगहों पर उपयोग किया गया।

आवाज उठाएगा टीसीएस
टीसीएस ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए कहा है कि कंपनी ने किसी भी तरह से बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया है और न ही सॉफ्टवेयर की चोरी जैसा कोई कदम उठाया। एपिक जिन 6,477 दस्तावेजों को डाउनलोड करने की बात बता रही है, उनका भी दुरुपयोग नहीं किया गया है। देनदारी और हर्जाने का फैसला अभी अप्रत्याशित है। अदालत में पेश साक्ष्य इसका समर्थन नहीं करते। टीसीएस इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेगी।

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