सीबीएसई का कहना है कि दो जून से जेईई आईआईटी मेन क्वालीफाई करने वाले सभी कैंडीडेट्स को अपना इंटर क्वालीफाइंग स्टेटस अपडेट करना है, लेकिन जब रिजल्ट ही एडवांस कंडक्ट होने के तीन से चार दिन बाद जारी किया जाएगा तो फिर से कैंडीडेट अपना क्वालीफाइंग स्टेटस कैसे अपलोड करेंगे ये बड़ा सवाल है। यूपी बोर्ड की लेट-लतीफी का खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ेगा।
सीबीएसई ने आईआईटी संबंधित किसी भी परेशानी के लिए एक हेल्प लाइन कॉल सेंटर भी शुरू किया हुआ है, लेकिन यहां से भी कैंडीडेट्स को कोई हेल्प नहीं मिल रही है। हेल्प लाइन नंबर पर फोन न उठने की बात पर हमने भी फोन करके देखा। सभी नंबर्स पर फोन किया गया, लेकिन किसी भी नंबर पर फोन नहीं उठाया गया.
आईआईटी या सीबीएसई की तरफ से अभी तक इस बारे में कुछ भी साफ नहीं किया गया है कि रिजल्ट नहीं अपने पर यूपी बोर्ड के बच्चे जेईई एडवांस में शामिल हो पाएंगे भी या नहीं। हां इतना जरूर कहा गया है कि जिन कैंडीडेट्स का रिजल्ट दो जून को एडवांस एग्जाम होने के बाद जारी किया जाएगा। ऐसे कैंडीडेट्स की रैंकिंग जेईई एपेक्स बोर्ड के द्वारा बिना किसी नोटिस के जारी किया जाएगा। लेकिन इस बारे में अधिक जानकारी अभी जारी नहीं की गई है.
कैंडीडेट्स में ये भी डर है कि यदि वो जेईई एडवांस में अपीयर न हो पाए या किसी भी वजह से डिसक्वालीफाई कर दिए गए तो अगले साल उन्हें फिर से ये मौका नहीं मिलेगा। जेईई एडवांस देने जा रहे अंशुमन तिवारी का कहना है कि मुझे डर है कहीं यूपी बोर्ड की लेट लतीफी के चलते हाथ से मौका निकल गया तो आगे फिर कभी ये मौका नहीं मिलेगा। मेरठ से इस साल करीब ढाई हजार स्टूडेंट्स जेईई एडवांस में अपीयर होने वाले हैं.
जेईई एग्जाम का पैटर्न इस साल बदला है। अगले साल फिर से ये पैटर्न बदलने की तैयारी है। जहां अभी तक ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन पूछे जाते हैं। वहीं अगले साल से इन सवालों को थ्योरेटिकल करने का प्रस्ताव है। अगर ऐसा होता है तो अगले साल से ये एग्जाम और भी टफ हो जाएगा.
जिन कैंडीडेट्स का रिजल्ट देरी से आएगा। उनके लिए बोर्ड माक्र्स अपलोड करने के लिए लास्ट डेट चार जून रखी गई है। इसके बाद किसी भी स्थिति में स्टेटस अपलोडिंग की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। ऐसे में यूपी बोर्ड कैंडीडेट असमंजस में हैं.
'बोर्ड को स्टूडेंट्स का हित देखते हुए रिजल्ट समय से जारी करना चाहिए था। इसके साथ ही जेईई कंडक्ट करा रहे सीबीएसई बोर्ड को भी इस बारे में कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.'
विजय आरोड़ा, गुरु द्रोणाचार्य
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