हमने मिलकर बनाया इतिहास

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस जीत के बारे में बताते हुए कहा कि पूरी टीम ने अपना अच्छा प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 96 रनों से जीत हासिल की है. मैच जीतने के बाद धोनी ने कहा, ‘यह हमारे लिये यादगार जीत है. हमारे अधिकतर खिलाड़ियों को इंग्लैंड में खेलने का अनुभव नहीं था लेकिन उनको रवैया शानदार था. यह बेहतरीन प्रदर्शन था.’ धोनी ने कहा कि 2011 में चारों मैचों में मिली हार से हमने सबक सीखा था. तीसरे दिन तक मैदान में बने रहना जरूरी होता है इसके बाद ही स्पिनर गेंदबाज कुछ कर पाते हैं और आज पहले सत्र ने हमें दिखाया कि हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. ऐसे मौकों पर आप खुद पर संदेह करने लग जाते हैं.'

इशांत शर्मा ने मानी धोनी की बात

इस मैच में इशांत शर्मा ने अपना बेस्ट देते हुए 74 रनों पर सात विकेट दिए. इस बारे में कप्तान धोनी ने कहा कि उन्होंने इशांत शर्मा को शॉट पिच बॉल्स डालने को कहा था. इससे शर्मा इतने कम रनों पर सात विकेट ले पाए. गौरतलब है कि यह इशांत शर्मा के करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस है. धोनी ने कहा, 'लंच से पहले के आखिरी ओवर में इशांत शॉर्ट पिच गेंद नहीं करना चाहता था. मैंने उससे ऐसा करने के लिये कहा. उसने बेजोड़ प्रदर्शन किया.’ उन्होंने कहा, ‘टॉस काफी महत्वपूर्ण था. पिच से तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी लेकिन हमारे बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया. आप चाहते हो कि विरोधी टीम 90 से अधिक ओवर करे क्योंकि ऐसे में जब पुछल्ले बल्लेबाज आते हैं तो उनके लिये काम आसान हो जाता है. हमारे सभी बल्लेबाजों ने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया.’

जडेजा की थी टीम को तलाश

कप्तान धोनी ने रविंद्र जडेजा की तारीफ करते हुए कहा कि टीम को जडेजा जैसे बॉलिंग ऑलराउंडर की काफी टाइम से जरूरत थी. अभी तक भारत के पास इरफान पठान के रूप में सिर्फ एक बॉलिंग ऑलराउंडर मौजूद था. लेकिन टीम के टॉप ऑर्डर को ही बल्लेबाजी आक्रमण को संभालना होगा और जडेजा नंबर सात पर उतरेंगे. धोनी ने कहा, ‘जडेजा को इस तरह का खेल खेलना चाहिए. मुझे लगता है कि वह जितना अधिक टेस्ट मैच खेलेगा उतना ही वह बेहतर बल्लेबाज बनता जाएगा. मेरा मानना है कि उसकी तकनीक बहुत अच्छी है लेकिन वह खुद स्वयं पर सबसे अधिक संदेह करता है.’

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