lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : मैने सर को बचाने का यथासंभव प्रयास किया लेकिन इस बीच जो भी पुलिसवाले आये वह मुझे न तो फोन करने दे रहे थे और न ही किसी का फोन उठाने दे रहे थे। जबरदस्ती मुझसे सादे पन्ने पर दस्तखत करवा लिये और बाद में पुलिस के उच्चाधिकारियों के दबाव में मुझसे जबरदस्ती बोलबोल कर उसी पन्ने पर लिखवाया भी गया। यह पंक्तियां उस तहरीर की हैं, जिसे लिखा है मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना ने। इस तहरीर ने विवेक हत्याकांड में निष्पक्ष कार्रवाई का ढोल पीट रही लखनऊ पुलिस के दावे की धज्जियां उड़ा दी है। घटना के वक्त मौजूद रही सना से जबरन तहरीर लिखवाकर आनन-फानन में एफआईआर दर्ज करने वाली पुलिस को मीडिया में हुई फजीहत के बाद आखिरकार कल्पना की तहरीर पर एफआईआर दर्ज करनी ही पड़ी। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम कल्पना तिवारी से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद व इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया।
एडीजी ने दिया सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का हवाला
एप्पल कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के बाद से मामले की लीपापोती में अपना पूरा जोर लगा देने वाली लखनऊ पुलिस पूरे मामले और उसकी करतूतों की मीडिया कवरेज से हुई फजीहत और विभिन्न संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार को डैमेज कंट्रोल करती दिखाई पड़ी। इसकी कमान एडीजी जोन राजीव कृष्णा, आईजी सुजीत पांडेय ने संभाली। रविवार दोपहर रिजर्व पुलिस लाइंस में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी राजीव कृष्णा ने दावा किया कि पुलिस मामले की विवेचना निष्पक्ष ढंग से ही करेगी। उन्होंने बताया कि वे और आईजी मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना से मिलने गए थे। मुलाकात के दौरान कल्पना ने उनसे सुरक्षा व उनकी तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। एडीजी कृष्णा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च 2018 को पी शिवकुमार बनाम केरल सरकार के मामले में रूलिंग दी थी कि एक ही घटना में दो एफआईआर दर्ज की जा सकती हैं। इस रूलिंग के आधार पर कल्पना की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पुलिस की करतूतों को किया उजागर
कल्पना तिवारी ने रविवार देरशाम दी तहरीर में पुलिस पुलिस के 'खेल' को खोलकर रख दिया। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। तहरीर में कल्पना ने घटना के वक्त विवेक के साथ कार में मौजूद रहीं सना के हवाले से पूरे घटनाक्रम पर से पर्दा उठा दिया। उन्होंने विवेक को गोली मारने और उसके बाद पुलिसकर्मियों द्वारा अपने साथियों के बचाने के लिये अंजाम दी गई तमाम करतूतों को तहरीर में सिलसिलेवार ढंग से लिखा। तहरीर में उन्होंने दोनों कॉन्सटेबल्स प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार को नामजद करते हुए बताया कि किस तरह उन दोनों ने विवेक की कार को रुकवाने की कोशिश की। जब विवेक ने कार नहीं रोकी तो आरोपी प्रशांत ने बिना कोई बात किये कार के शीशे से सटाकर सीधे उन पर फायर कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। गोमतीनगर पुलिस ने इस तहरीर पर कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी व संदीप कुमार के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली।
कल्पना की तहरीर ने खोला पुलिस का खेल
'मेरे पति एप्पल कंपनी में एएसएम कार्यरत थे। जिनकी हत्या प्रशांत चौधरी द्वारा की गई है। और जिसकी संपूर्ण जानकारी मेरे पति के साथ सहकर्मी सना द्वारा बताया गया है कि 'आज रात में हम और हमारे सहकर्मी एएसएम साहब रात में लगभग डेढ़ बजे जब घर वापस आ रहे थे, तो अचानक प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार कार के सामने आ गए। एएसएम साहब डर के मारे रात्रि में मेरे महिला होने के कारण अपनी कार बचाकर वापिस निकालकर आगे बढऩे की कोशिश कर रहे थे। उसी समय मोटरसाइकिल से एक सिपाही जो पीछे बैठा था और डंडा लिये था, वह मोटरसाइकिल से उतरा तथा आगे बैठा हुआ प्रशांत चौधरी गाड़ी के शीशे से अपनी पिस्टल सटाकर जान से मारनेे की उद्देश्य से फायर किया। जिससे उनकी हत्या हो गई। चूंकि दोनों अभियुक्तों ने नेमप्लेट लगा रखा था उससे मैने यह पहचान लिया था कि प्रशांत चौधरी ने ही फायर किया था और संदीप कुमार उनके साथ थे, जिन्होंने फायर करने से मना नहीं किया और गाड़ी के बोनट को पीट रहे थे डंडे से। लेकिन, घटना के बाद भी सर डर के मारे अपनी गाड़ी पुन: पिछाड़कर बगल से लेकर निकल गए। लेकिन ठुड्डी में गोली लगने के कारण लगभग आधा किलोमीटर बाद कार जाकर खंभे से लड़ गई और बंद हगई। सर के चेहरे से काफी खून बह रहा था, मैं बहुत चिल्लायी और लोगों को रोकने का प्रयास किया, मैने सर को बचाने के लिये यथासंभव प्रयास किया लेकिन इस बीच जो भी पुलिसवाले आये वह मुझे न तो फोन करने दे रहे थे और न ही किसी को फोन उठाने दे रहे थे तथा जबरदस्ती मुझसे सादे पन्ने पर दस्तखत करवा लिये और बाद में मीडिया तथा पुलिस अधिकारियों के दबाव में मुझसे जबरदस्ती बोलबोल कर उसी पन्ने पर लिखवाया भी गया। चूंकि मैं उस समय बहुत डरी हुई थी अत: उन लोगों ने जो बोला वैसा लिखती गई। वह लोग सर और मेरे बारे में काफी कुछ उल्टा सीधा बोल रहे थे जो मैं बता नहीं सकती हूं।'
सना से लिखाई गई थी यह तहरीर
'मैं सना अपनी कलिग के साथ घर जा रही थी उनका नाम विवेक तिवारी है। सीएमएस गोमतीनगर विस्तार के पास हमारी गाड़ी खड़ी हुई थी तब तक सामने से दो पुलिसवाले आए, हमने उनसे बचकर निकलने की कोशिश की, उन्होंने हमें रोकने की कोशिश की। उसके बाद अचानक मुझे ऐसा लगा कि गोली चली। हमने वहां से गाड़ी बढ़ाई, आगे हमारी गाड़ी अंडरपास दीवार से टकराई और विवेक सर के सिर से काफी खून बहने लगा। मैंने सबसे मदद लेने की कोशिश की, थोड़ी देर में पुलिस आई, जिसने हमें हॉस्पिटल पहुंचाया। अभी सूचना मिली है कि विवेक की मृत्यु हो चुकी है'।
डिप्टी सीएम भी पहुंचे परिजनों से मिलने
विवेक की सनसनीखेज ढंग से हत्या और उसके बाद पुलिस की लीपापोती को लेकर मचे हंगामे के बीच रविवार शाम डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या विवेक के घर पहुंचे और उनकी पत्नी कल्पना तिवारी व अन्य परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान मौर्या ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे कतई बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को तुरंत परिवार की सुरक्षा का निर्देश भी दिया। उधर, विवेक के घर पहुंचे कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले में पुलिस अधिकारियों की लीपापोती की कोशिशों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस अधिकारियों की शह पर चश्मदीद सना से सादे कागज पर दस्तखत कराए गए और आरोपी कॉन्सटेबल की थाने में जमकर खातिरदारी की गई। यह बेहद गंभीर मामला है। ऐसे अधिकारी भी बख्शे नहीं जाएंगे और वे खुद सीएम योगी आदित्यनाथ से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संस्तुति करेंगे।
Crime News inextlive from Crime News Desk