-बन्द फ्लैट्स के हिस्से डिमांड चार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, रेगुलेटरी सरचार्ज, लाइनलॉस की कीमत भी चुकानी पड़ रहा मल्टीस्टोरी में रहने वालों को

-बिल्डिंग के सभी फ्लैट्स में लोग रहने लगे तो बिजली के बिल का बोझ हो जाए कम

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KANPUR: अगर किसी मल्टीस्टोरी में रहने के लिए फ्लैट खरीदने जा रहे हैं तो ये बात जरूर जान लीजिएगा। मल्टीस्टोरी के अन्य फ्लैट बिक चुके हैं या नहीं। अगर बिक चुके हैं तो वहां लोग रह रहे हैं या नहीं। अगर बिकने के बावजूद फ्लैट्स में ताले लगे हो तो फ्लैट मत खरीदिएगा। वरना बाद में आपको पछताना पड़ेगा। आपको अपने बिजली खर्च के अलावा बन्द फ्लैट्स के हिस्से का भी फिक्स्ड चार्ज, रेगुलेटरी सरचार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी आदि भरना पड़ेगा। जिससे आपको बिजली 13 रुपए प्रति यूनिट से भी अधिक महंगी पड़ सकती है।

इनवेस्टमेंट के लिए खरीद रहे फ्लैट

दरअसल बड़ी संख्या में लोग प्रॉपर्टी में इनवेस्टमेंट कर रहे है। प्रॉपर्टी में इनवेस्टमेंट का सबसे सेफ तरीका लोगो को फ्लैट खरीदना लगता है। इसके दो फायदे होते है, एक तो जमीन खरीदने पर उसमें किसी के कब्जे का डर नहीं रहता है। दूसरे फ्लैट को किराए पर भी उठाया जा सकता है। दूसरा जब चाहे बेंच भी सकते है। इन दिनों ज्यादातर अपार्टमेंट या मल्टीस्टोरी में इनवेस्टमेंट के लिहाज से खरीदे गए फ्लैट आपको मिल जाएंगे। जिनमें अक्सर आपको ताला लटका मिलेगा। बिल्डर्स की मानें तो ऐसे फ्लैट्स की संख्या सैकड़ों में हैं। जिनमें नॉर्मली ताले लटके रहते हैं।

खुद करो बिजली बिल का हिसाब-किताब

केस्को अब ज्यादातर 15 फ्लैट से अधिक वाले अपार्टमेंट या मल्टीस्टोरी के लिए केवल सिंगल प्वाइंट कनेक्शन जारी करता है और एक ही मीटर लगाता है। चाहे बिल्डिंग में कितने ही फ्लैट क्यों न हो? अलग-अलग की बजाए एक बिजली का मीटर और इसी तरह पूरी बिल्डिंग का एक ही बिल जारी करता है। उससे इस बात कोई मतलब नहीं कि किस फ्लैट में कितनी बिजली खर्च की जा रही है? इसके हिसाब-किताब की जिम्मेदारी उसने बिल्डिंग में रहने वालों की सोसाइटी के ऊपर छोड़ दी है। केस्को तो बस इस बात का हिसाब रखता है कि बिल्डिंग में टोटल कितने फ्लैट है? हर फ्लैट में कम से कम 5 किलोवॉट लोड के अलावा लिफ्ट व बिजली खर्च वाली अन्य कॉमन फैसिलिटीज का ख्याल रखते हुए बिल्डिंग का लोड निर्धारित करते हुए कनेक्शन जारी करता है। केस्को अपने द्वारा लगाए मीटर में आई बिजली खर्च की टोटल यूनिट, बिल्डिंग के लोड के बेस पर टोटल फिक्स्ड चार्ज(डिमांड चार्ज), टोटल इलेक्ट्रिसिटी डयूटी, टोटल रेगुलेटरी सरचार्ज आदि मिलाकर बिजली का बिल जारी करता है।

बन्द फ्लैट्स का लोड भी सहना पड़ता

केस्को से आए पूरी बिल्डिंग में एक बिजली के बिल को उसमें रहने वालों को ही चुकाना पड़ता है। जिसमें बन्द फ्लै्टस को भी ध्यान में रखकर केस्को द्वारा जारी किए कनेक्शन लोड का फिक्स्ड चार्ज और रेगुलेटरी चार्ज का बोझ भी शामिल होता है। इसके अलावा फ्लैट्स में रह रहे लोगो को लाइनलॉस में बेकार गई बिजली का बिल भी चुकाना पड़ता है। क्योंकि केस्को का अपना बिल्डिंग में लगे ट्रांसफॉर्मर से पहले लगाता है। ट्रांसफॉर्मर के बाद स्विच ब्रेकर, एमसीबी, बसबार आदि होता है। इस सिस्टम में पॉवर सप्लाई होने पर लाइनलॉस(पॉवर फैक्टर) में बिजली बेकार चली जाती है। यही नहीं कॉमन फैसिलिटीज में खर्च बिजली खर्च की कीमत भी उन्हीं लोगो को चुकाना पड़ रहा है, जो लोग मल्टीस्टोरी में रह रहे है। इन्हीं वजह से मल्टीस्टोरी के फ्लैट में रहने वालों को अपने द्वारा खर्च की गई बिजली के अलावा काफी अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है।

बेमायने साबित हो जाते है सबमीटर

केस्को के पूरी बिल्डिंग का एक बिजली का बिल जारी किए जाने की समस्या के हल के लिए सोसाइटी अपनी व्यवस्था के तौर हर फ्लैट के लिए अलग सबमीटर जरूर लगवाएं हुए हैं। जिससे उन्हें ये पता चल जाएं कि किस फ्लैट में कितनी बिजली खर्च की गई है? पर फ्लैट के इस बिल में केवल उनके द्वारा खर्च की गई बिजली, फिक्स्ड चार्ज, इलेक्ट्रिसिटी डयूटी की धनराशि ही शामिल नहीं होती है। बल्कि बन्द फ्लैट्स के हिस्से का फिक्स्ड चार्ज, रेगुलेटरी सरचार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी और लाइनलॉस व कॉमन फैसिलिटीज में खर्च बिजली की कीमत भी शामिल होती है।

एग्जाम्पल- जीटी रोड रामादेवी चौराहा के पास सृष्टि सूरज अपार्टमेंट है। सोसाइटी के अध्यक्ष जितेन्द्र यादव के मुताबिक इसमें 9म् फ्लैट है, लेकिन केवल ब्भ् फ्लैट्स में लोग रह रहे हैं। फिलहाल इस बिल्डिंग में ब्00 केवीए का कनेक्शन (कांट्रैक्ट लोड फ्00 केवीए) है। केस्को के एजीएम शैलेन्द्र कुमार के मुताबिक एग्रीमेंट के मुताबिक आगे इसका कनेक्शन लोड एग्रीमेंट के मुताबिक 800 केवीए किया जाना है। इस बिल्डिंग का दिसंबर में बिल क्787क्9.88 रूपए आया है।

इस तरह केस्को ने जारी किया बिल

डिमांड चार्ज (कांट्रैक्ट लोड फ्00 केवीए)- 7भ्,000 रुपए

यूनिट चार्ज (क्फ्फ्क्ब् यूनिट)- 8787ख्.ब्0 रुपए

रेगुलेटरी सरचार्ज- फ्म्फ्ख्.0भ् रुपए

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी - क्ख्ख्क्भ्.ब्फ् रुपए

टोटल बिल- क्787क्9.88 रूपए

-अभी ये पूरा बिजली का बिल बिल्डिंग में रह रहे ब्भ् फ्लैट के लोग मिलकर चुकाते हैं।

- अगर बिल्डिंग के सभी 9म् फ्लैट्स में लोग रहने लगे तो डिमांड चार्ज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, रेगुलेटरी सरचार्ज के साथ-साथ लाइनलॉस(पॉवर फैक्टर), कॉमन फैसिलिटीज में खर्च बिजली का भार सभी में बराबर बंट जाएगा। इससे बिजली के बिल का भार और भी कम हो जाएगा।

बन्द फ्लैट्स के चार्ज भी भरने पड़ते हैं बिल्डिंग में रहने वालों को

डिमांड चार्ज(फिक्स्ड चार्ज)- ख्भ्0 रूपए प्रति केवीए

रेगुलेटरी सरचार्ज ऑन टोटल एनर्जी चार्ज- ख्.ख्फ् परसेंट

इलेक्ट्रिसिटी डयूटी- 7.भ् परसेंट ऑफ टोटल डिमांड एनर्जी चार्ज

लाइनलॉस के अलावा कॉमन फैसिलिटीज में खर्च बिजली भी शामिल है।

वर्जन-वर्जन

- अपार्टमेंट, मल्टीस्टोरी में बिजली का कनेक्शन का लोड टोटल फ्लैट, कॉमन फैसिलिटी, टोटल एरिया आदि को ध्यान में रखकर दिया जाता है। एक साथ के अलावा समयबद्ध ढंग से भी जरुरत के मुताबिक लोड भी रिलीज किया जाता है। इसके लिए एग्रीमेंट भी किया जाता है.- -शैलेन्द्र कुमार, एजीएम केस्को