- केंद्र सरकार ने ई रिक्शा को परमिट मुक्त रखने की अधिसूचना जारी की

- डेली शहर के लगभग हर चौराहे पर ई रिक्शा की धमाचौकड़ी से लगता है जाम

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KANPUR। ई रिक्शा के परमिट मुक्त होने से निश्चित तौर पर ई रिक्शा चालकों को सहूलियत मिल जाएगी, लेकिन इससे सिटी की रोड्स पर ट्रैफिक अराजकता चरम पर होगी। सिटी में पहले से ही करीब 8 हजार ई रिक्शा सड़कों पर बेलगाम दौड़ रहे हैं। परमिट फ्री होने से इनकी ट्रैफिक अराजकता बढ़ना तय है। केंद्र सरकार ने हाल ही में इन्हें परमिट मुक्त रखने की अधिसूचना जारी की है।

कैसे पड़ेगी ई रिक्शा पर नकेल

सिटी में चल रहे ई रिक्शा ट्रैफिक अराजकता का पर्याय बन गए हैं। इन्हें व्यवस्थित करने के लिए आरटीओ ने इनके रजिस्ट्रेशन व परमिट की व्यवस्था शुरू की, जिसके तहत हर ई रिक्शा का एक नंबर होगा और एक निश्चित रूट पर ही वे चल सकेंगे। परिवहन अधिकारियों का कहना है कि अब इन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई दूसरा रास्ता अख्तियार किया जाएगा।

50 रूट पर चलने थे ई रिक्शा

आरटीओ ने ई रिक्शों के लिए 50 रूट बनाए थे। इन रूटों पर ई रिक्शों की एक निर्धारित संख्या थी। रूटों का निर्धारण इस तरह से किया गया था कि इन रूटों पर न तो टैंपों चलते थे, न ही सिटी बस। ऐसे रूट चुने ही इसलिए गए थे ताकि इन रूटों पर पैसेंजर्स को सहूलियत मिल सके।

5 हजार रजिस्टर्ड कंपनियों के

सबसे खास बात तो ये है कि सिटी में सिर्फ 5 हजार ई रिक्शा ही ऐसे हैं, जो रजिस्टर्ड कंपनियों के चल रहे हैं। इन्हें छोड़कर बाकी के पांच हजार ई रिक्शा बिना रजिस्टर्ड कंपनियों के हैं।

सिटी में करीब 3 हजार ई रिक्शा तो ऐसे हैं, जो कि अनअथराइज्ड कंपनियों के चल रहे हैं। ये ऐसी कंपनियां हैं, जिनका दिल्ली में रजिस्ट्रेशन ही नहीं हुआ, यानी कि इनके मॉडल, इनकी क्षमता, इनकी क्वालिटी का कोई भी भरोसा नहीं है। सबसे खास बात ये है कि अभी तक आरटीओ ने इनके खिलाफ कोई अभियान नहीं छेड़ा है।

तैयार हो रहा नया प्लान

दरअसल केंद्र सरकार ने इनके परमिट पर तो रोक लगा दी है, लेकिन राज्य स्तर पर इन्हें कुछ रोड्स या रूटों पर जरूरत के हिसाब से न चलने देने की छूट दी गई है। परिवहन विभाग इसी तर्ज पर इन्हें सिटी के कुछ मुख्य मार्गो पर चलने से रोक सकता है। इस व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने के लिए विभाग ने प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन इस व्यवस्था के बाद छोटे रूटों पर जाम लगने की समस्या ज्यादा बढ़ जाएगी।

'अभी ऐसा नोटिफिकेशन नहीं मिला है, मौखिक जानकारी है। वैसे कुछ रूटों पर इन्हें रोका जा सकता है। इसके द्वारा ही ट्रैफिक नियंत्रित किया जाएगा.'

- प्रभात पाण्डेय, एआरटीओ