-पीएमसीएच के पेशेंट को दो घंटे खड़ा रखा, डेंगू पॉजिटिव बताया पर एडमिट नहीं लिया

-डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने कहा था-रोस्टर है तैयार, पीएमसीएच कैंपस में ही है जलजमाव

PATNA: पटना में डंगू का डंक कहर बरपा रहा है और इसके लिए नोडल हॉस्पीटल पीएमसीएच में इसे लेकर लापरवाही का आलम है। डेंगू को लेकर इतना शोर मचा है, लेकिन वार्ड संडे को खोला गया। हद तो यह है कि यहां पेशेंट के लिए सुविधा नाम की चीज ही नहीं है। सुविधा तो दूर की बात वार्ड में डॉक्टर मौजूद नहीं हैं। संडे को क्ख्.क्भ् बजे गायघाट से आए दो पेशेंट और उनके रिलेटिव दो बजे तक वार्ड के बाहर खड़े थे। उन्होंने बताया कि यहां डाक्टर मौजूद नहीं है। पीएमसीएच के डिप्टी सुपरीटेंडेंट ने कहा था कि यहां डॉक्टरों की ड्यूटी का रोस्टर बना दिया गया है, लेकिन आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब एक बजे पहुंचा तो वहां एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। वार्ड में ड्यूटी पर सिस्टर मौजूद थे।

दोनों रेफर केस नहीं है, सो नहीं लेंगे

पीएमसीएच में गायघाट से आई फ्0 साल की अमिता और उसका दस साल का बेटा अमितेश का डेंगू टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। अमितेश को एक फ्क् अक्टूबर और अमिता को एक नवंबर को टेस्ट कराया गया था। दोनों को ही संडे को तेज बुखार था। दोनों गायघाट स्थित दशमी गली के निवासी हैं। अमिता के हसबैंड अमित कुमार चन्द्रा ने बताया कि इन्हें डेंगू है, पर यहां वार्ड में एडमिट नहीं किया जा रहा है। यहां के डॉक्टरों का कहना है कि दोनों रेफर केस नहीं है, एडमिट नहीं लेंगे। दूसरी ओर संडे है और यहां डॉक्टर मौजूद नहीं है। यहां की व्यवस्था से परेशान होकर अमित अपनी दोनों पेसेंट को लेकर वापस गायघाट लौट गया।

आया तो वार्ड में दिखा ताला

डेंगू पेशेंट जेड। एस फैसल जब पीएमसीएच के डेंगू वार्ड में एडमिट होने के लिए पहुंचे, तो वहां मेल वार्ड में ताला लगा था। उनका शरीर बुखार से कंप रहा था। उन्होंने रिलेविट ने बताया कि हमलोग अनीसाबाद स्थित अली नगर से आए हैं। इनकी जांच एक प्राइवेट हॉस्पीटल में किया गया था। इन्हें रेफर किया गया है। आने पर हमलोगों ने देखा कि वार्ड में ताला लगा था। जब वार्ड में आए तो यहंा कोई इंतजाम नहीं था।

डेंगू पेशेंट के लिए इंतजाम नहीं

आई नेक्स्ट ने पाया कि वार्ड में डेंगू पेशेंट के लिए कोई इंतजाम नहीं था। बस बेड लगा दिया गया है। मच्छरदानी, बेड सीट व अन्य सुविधाओं का कोई इंतजाम नहीं था। जानकारी हो कि पीएमसीएच को डेंगू का एक नोडल हॉस्पीटल बनाया है। इसके लिए फ्0 बेड की व्यवस्था की गयी है।

हॉस्पीटल में कहीं जलजमाव होता है

पीएमसीएच कैंपस में प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा के नेतृत्व में बड़े जोश के साथ सफाई अभियान शुरू किया गया था, लेकिन लगता है यह कुछ दिनों में ही टांय-टांय फिस हो गया। मेडिसिन डिपार्टमें के सामने के बरामदे में महीनों से पानी जमा पड़ा है। जानकारी को बीते साल पीएमएसीएच में डेंगू का संक्रमण डॉक्टरों को भी अपनी चपेट में ले लिया था, लेकिन इससे कोई सबक नहीं लिया गया है।

वाटरलॉगिंग बढ़ा रहा है फिक्र

पटना के विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति से डेंगू भयावह हो सकती है। एक तरफ डेंगू फैलाने वाले एडीस मच्छरों का लार्वा नष्ट किया जा रहा है, तो दूसरी ओर जगह-जगह जलजमाव इन मच्छरों का ब्रीडिंग ग्राउंड बन गया है। इन इलाकों में गायघाट, बेली रोड स्थित आफिसर्स फ्लैट, पाटलिपुत्रा कालोनी, पानी टंकी, राजीव नगर, फुलवारीशरीफ और मीठापुर आदि शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न अपार्टमेंट के बेसमेंट में जमा पानी अगर हो तो उसकी सफाई कर लेना चाहिए।

बोन मैरो होता है अफेक्टेड

जानकारी हो कि डेंगू होने पर बोन मैरो अफेक्टेड हो जाता है। हालांकि इसका अफेक्ट कितना सीवियर होगा यह संबंधित पेसेंट की इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है। पीएमसीएच में पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ आरवीएन सिंह ने बताया कि आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति में चार लाख से डेढ़ लाख प्लेटलेट होता है। अगर डेंगू का प्लेटलेट चालीस हजार से कम हो जाए तो पेशेंट सीरियस है। इस समय डब्ल्यूबीसी भी कम हो जाता है। बुखार होने पर टेस्ट जरूर कराना चाहिए। इसमें एंटीजीन और एंटीबॉडी का टेस्ट किया जाता है।

सुविधाओं में सुधार की मांग

पीएमसीएच में बिहार के विभिन्न इलाकों से पेशेंट आते हैं। खासकर डेंगू के लिए विशेष व्यवस्था की जरूरत है। यह मांग करते हुए सोशल वर्कर विजय कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री और सीएम व अन्य अधिकारियों को लेटर लिखा है। उन्होंने मांग किया है कि पटना, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में प्राइवेट नर्सिग होम को सरकार अनुदान दे, ताकि अधिक से अधिक लोग मुफ्त में इसका इलाज कर सकें।