किसी बुरे सपने से कम नहीं है उनकी ये यात्रा
1989 में अबाचा अपने कुछ और साथियों के साथ सीक्रेट सोवियत मिलिट्री स्टेशन 'Salyut 8T' गए थे। इनके अन्य साथी तो वापस लौट आए पर ये वहीं फंसे रह गए। तब से उनको सप्लाई फ्लाइटस के द्वारा जरूरत का सामान मुहैया कराया जा रहा है। वो वहां पर अब तक एकदम सही सलामत हैं पर अपने घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहें हैं। उनकी ये स्टोरी तब सामने आई जब उनके कुछ दोस्तों ने ब्रिटीश न्यूज साइट Anarok को इस बारे में ई-मेल किया, जिसमें उनका कहना है कि अबाचा को वापस लाने में 3 मिलियन डॉलर की मदद चाहिए।
3 मिलियन के घोटाले का है प्रयास
ब्रिटीश न्यूज साइट ने इस ई-मेल को जारी करते हुए बताया है कि ये ई-मेल एक स्पैम मेल है। इस तरह की कहानी बनाकर ये लोगों से पैसे ठगना चाहते हैं। इस न्यूज वेबसाइट का कहना है कि इन मेल भेजने वाले लोगों पर उनको बेतहाशा गुस्सा आ रहा है, पर ऐसी जबरदस्त कहानी बुनने वालो के दृष्टीकोण की ।वो सराहना करते हैं।