- एक्सपायरी चेक कर रहे स्टूडेंट्स के साथ मजाक

- केंद्र सरकार की योजना पर लगने लगी है झाड़ू

- 609 में से केवल 77 को ही मिल पाया लाभ

MEERUT: केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड योजना ने तो जैसे स्टूडेंट्स को मानो ठेंगा ही दिखा दिया हो। अभी पहले के लाभार्थियों को ही उनका हक नहीं मिल पाया है तो आगे क्या उम्मीद की जाए? सिटी में धड़ाम होने वाली ये योजना तो स्टूडेंट्स के भविष्य से मजाक ही करती नजर आ रही है। शिक्षा विभाग के चक्कर काटते लाभार्थियों की आशा टूट चुकी है, विभाग में चेक की आशा से चक्कर लगाता हर स्टूडेंट बस यही सोच रहा है कि आखिर कब मिलेगा हक?

क्या है इंस्पायर अवार्ड योजना

केंद्र सरकार द्वारा क्लास म् से क्0 तक के बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के स्टूडेंट्स के लिए एक योजना चलाई गई थी। ख्0क्ख् से शुरू इस योजना में साइंस सब्जेक्ट में अपनी क्लास में सर्वोत्तम अंक पाने वाले एक स्टूडेंट को विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेना था। केंद्र सरकार ने हर स्कूल के पांच स्टूडेंट्स को पांच हजार का चेक इंस्पायर अवार्ड में देने की घोषणा की थी।

क्यों चलाई थी योजना

इंस्पायर अवार्ड की योजना चलाने के पीछे सरकार का उद्देश्य बच्चों को प्रोत्साहित करना था। साइंस जैसे सब्जेक्ट को हार्ड समझने वाले स्टूडेंट्स का रुझान साइंस की तरफ करने, और साइंस में होशियार बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ही यह योजना चलाई गई थी। मगर बदकिस्मती योजना से तो बच्चों को बस ठेंगा ही मिला है।

कैसे मिलता है चेक

योजना के अनुसार हर स्कूल को अपने पांच स्टूडेंट्स के नाम डीआईओएस कार्यालय को देने थे। डीआईओएस के माध्यम से यह लिस्ट मानव संसाधन केंद्र दिल्ली पर भेजने के बाद ही दिल्ली विभाग से यह चेक डीआईओएस कार्यालय पर आए थे। विभाग ने यह चेक हर स्कूल के प्रिंसीपल के माध्यम से स्टूडेंट्स को वितरीत कर दिए थे।

कैसे थे एक्सपायरी चेक

ख्0क्ख्-क्फ् में सिटी के म्09 स्टूडेंट्स के लिए पांच हजार रुपए के चेक आए। चेक पर ख्ख् जनवरी ख्0क्फ् डेट लिखी हुई थी। चेक पर साफ लिखा था कि यह चेक तीन महीने बाद एक्सपायरी हो जाएंगे। विभाग के रजिस्टर के अनुसार यह चेक विभाग में ख्भ् अप्रैल को आए थे। इनमें से 77 चेक ऐसे थे जिनपर ख्ब् फरवरी डेट थी। इसलिए जिन पर फरवरी की डेट थी वो तो स्टूडेंट्स तक पहुंच गए। मगर जिनपर डेट एक्सपायर थी वो स्कूलों ने विभाग को लौटा दिए थे। जिनमें ब्09 बेसिक स्कूलों व बाकी के माध्यमिक स्कूलों के स्टूडेंट्स शामिल थे।

नई सूची में ख्00 और

बता दें कि विभाग द्वारा बार बार रिमाइंडर भेजने पर भी पिछले चेक रिन्यू होकर वापस नहीं आए हैं, लेकिन ख्0क्फ् के लगभग दो सौ स्टूडेंट्स और भी योजना का लाभ लेने के लिए तैयार हो गए हैं और तो और ख्0क्ब् में होम एग्जाम के बाद तीसरे साल में और भी उम्मीदवार शामिल होंगे। मगर अभी तो पहले वाले ही विभाग में निराशा से भटक रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का भी यही कहना कि एक्सपायरी चेक मिलना स्टूडेंट्स के लिए ठीक बात नहीं है। इससे तो स्टूडेंट्स का उत्साह कम होता है।

इन स्कूलों को नहीं मिला हक

हमारे स्कूल में तो पांचों स्टूडेंट्स के चेक एक्सपायरी निकले थे। दो साल से चक्कर काट रहे हैं, मगर अभी तक तो चेक का कुछ अता पता नहीं है। विभाग भी यही कह कर टरका देता है कि जब चेक आएंगे तभी तो दिए जाएंगे।

-रामदास, कलर्क, आदर्श नागरिक इंटर कॉलेज,

पांचों बच्चों के पेरेंट्स बार-बार पूछते हैं। हम भी तो बार-बार विभाग के चक्कर काटते हैं, लेकिन इन बच्चों को आखिर कब इनका हक मिलेगा इसका तो कुछ पता ही नहीं लग पा रहा है। विभाग कहता है चेक रिन्यू के लिए भेजे गए हैं।

-ज्ञानेंद्र कुमार, कलर्क, जसवंत शुगर मिल इंटर कॉलेज मलियाना

चेक तो बेकार ही थे, ऐसा लग रहा है मानों सरकार ने बस दिखावे के तौर पर यह चेक बच्चों को थमा दिया हो। वरना तो वो बच्चों के लिए बस कागज का टुकड़ा ही हैं।

-विकास, क्लर्क, जसवंत शुगर मिल इंटर कॉलेज

अब हम तो बस विभाग के चक्कर ही काट सकते हैं, करें भी तो क्या करें। यह तो बच्चों के साथ बड़ा मजाक हुआ है। इससे तो उत्साह कम ही होता है।

-विजय बंसल, सनातन धर्म ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज सदर

विभाग की तरफ से तो एक्सपायरी चेक रिन्यू होने के लिए भेज दिए गए थे। चेक की वापसी के लिए बार-बार रिमांइडर भी दिया गया है, लेकिन अभी तक चेक वापस नहीं आए हैं।

पीके मिश्रा, एसोसिएट सह जिला विद्यालय निरीक्षक