पीएचडी के नहीं थे शामिल

इस बार स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में एफफिल स्टूडेंट्स तो शामिल किए गए थे, लेकिन पीएचडी स्टूडेंट्स को शामिल नहीं किया गया था क्योंकि लिंगदोह कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पीएचडी स्टूडेंट्स को वोट देने के अधिकार से वंचित रखा गया है।

यूनिवर्सिटी की चाल तो नहीं

शुरू से लेकर अंत तक स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के संबंध में लिए गए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के सभी फैसले लेटलतीफी से और स्टूडेंट्स के आंदोलन के बाद ही लिए गए। स्टूडेंट लीडर्स का कहना है कि किस आधार पर एमफिल स्टूडेंट ने हाईकोर्ट में रिट दायर की। यूनिवर्सिटी ने उस स्टूडेंट से संपर्क क्यों नहीं साधा। यही नहीं जब आनंद प्रकाश से जब इस संबंध में बात की गई तो उसने साफ मना कर दिया कि उसने किसी भी तरह की कोई रिट हाईकोर्ट में दायर नहीं की है।

नहीं किया कोई विचार

यूनिवर्सिटी ने 19 सितंबर की शाम स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन स्थगित कर दिए थे, उसके बाद आज तक इलेक्शन कराने के संबंध में विचार कर हाईकोर्ट को जवाब नहीं दिया। पांच नवंबर को यूनिवर्सिटी में कनवोकेशन सेलिब्रेट किया गया उसके बाद भी काफी दिन बीत चुके हैं, लेकिन स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन पर कोई विचार नहीं किया गया।

वर्जन

प्रो। डीएन जौहर ने सोची समझी रणनीति के तहत इलेक्शन रुकवाए हैं। अभी तक उन्होंने स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन पर अपना मत स्पष्ट क्यों नहीं किया।

धर्मेंद्र चाहर, डिस्ट्रक्ट प्रेसीडेंट एनएसयूआई

सपा छात्रसभा ने सीएम अखिलेश यादव तक को यहां की स्थिति की जानकारी दी है। अगर जल्द ही यूनिवर्सिटी ने इलेक्शन नहीं कराए तो सपा छात्रसभा आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

निर्वेश शर्मा, शहर अध्यक्ष सपा छात्रसभा

वीसी प्रो। डीएन जौहर को स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन कराने चाहिए। जिससे युवाओं को राजनीति में आने का मौका मिलेगा।

इं। ब्रजेश शर्मा, यूथ कांग्रेस

स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन पर जो भी फैसला लिया जाएगा वो वीसी प्रो। डीएन जौहर ही लेंगे। मैं तो चुनाव अधिकारी था। अभी मेरे पास इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं है।

प्रो। राजेंद्र शर्मा, डीन स्टूडेंट वैलफेयर

कनवोकेशन और फेस्टिवल के चलते अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया था। जल्द ही हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया जाएगा।

-बीके पांडे, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी