- लास्ट इयर के स्टूडेंट्स को ग्रेस मा‌र्क्स देने की तैयारी

- नौ जुलाई को परीक्षा समिति की बैठक में लिया जाएगा निर्णय

LUCKNOW: डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) की कृपा से प्रदेश को करीब 35 हजार इंजीनियर प्रदान करने की तैयारी शुरू हो गई है। यूनिवर्सिटी उन स्टूडेंट्स पर विशेष कृपा करने जा रही है, जिन स्टूडेंट्स के फ‌र्स्ट या सेकेंड इयर में बैक लगे होने के कारण उनको फाइनल इयर की मार्कशीट और डिग्री नहीं प्रदान की जा रही है। ऐसे में यूनिवर्सिटी इन स्टूडेंट्स को 40 मा‌र्क्स का ग्रेस कभी भी किसी भी सेमेस्टर में प्रदान करने की तैयारी कर रही है।

एकेटीयू अभी तक

एकेटीयू के नियम के अनुसार, अभी तक स्टूडेंट्स को केवल एक साल में ही अधिकतम दस मा‌र्क्स का ग्रेस व चार साल में 40 मा‌र्क्स का ग्रेस हासिल कर पास हो सकता था। एकेटीयू के इस फैसले से पिछले वर्षो में फेल हुए करीब 35 हजार छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। वह एक साथ ग्रेस मा‌र्क्स का प्रयोग कर अपनी डिग्री हासिल कर सकेंगे। इसके लिए नौ जुलाई को यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले परीक्षा समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की जाएगी।

एक सब्जेक्ट में 15 मा‌र्क्स मिलेंगे

एकेटीयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ। जेपी पांडेय ने बताया कि ऐसे स्टूडेंट्स जो किसी प्रश्नपत्र में न्यूनतम 15 प्रतिशत मा‌र्क्स हासिल करेंगे, उन्हें ग्रेस अंक पाने का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स चार साल में 40 मा‌र्क्स का ग्रेस ले सकता है, मगर इसमें शर्त यह है कि वह एक वर्ष में अधिकतम 10 मा‌र्क्स का ग्रेस ही पा सकता है। अब परीक्षा समिति की मंजूरी के बाद इस नियम में छूट प्रदान करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के अनुसार अब पास होने के लिए अपने 40 मा‌र्क्स का ग्रेस चाहे तो एक साथ प्रयोग कर लें या फिर अलग-अलग सेमेस्टर में। वह बताते हैं कि अगर कोई स्टूडेंट्स तीन सेमेस्टर की परीक्षा बिना ग्रेस के पास कर ली। अब वह आखिरी सेमेस्टर में दो प्रश्नपत्र में फेल हुआ और उसे दोनों में दस-दस मा‌र्क्स चाहिए तो वह एक साथ अपने बीस मा‌र्क्स का ग्रेस लेकर पास हो जाएगा।

नहीं करना होगा कोई आवेदन

यूनिवर्सिटी की मानें तो इसका लाभ उठाने के लिए स्टूडेंट्स को कोई आवेदन नहीं करना होगा। यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के रिकॉर्ड के हिसाब से उन्हें ग्रेस मा‌र्क्स बांटे जाएंगे। जानकारों की मानें तो जरा सी खामियों के कारण ये स्टूडेंट्स सालों से परेशान हैं। ऐसे में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने से इन्हें विशेष राहत मिलेगी।