पेट्रोल की कीमतों में लगी आग का दोहरा असर गुरुवार को पटना ने भी झेला। महंगाई और पेट्रोल की कीमतों में इजाफे से आमलोग खासा परेशान चल रहे हैं। उनकी इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए कई पॉलिटिकल पार्टियों ने गुरुवार को बंद का आह्वान किया था। सबसे अधिक परेशानी आम-अवाम को हुई। ट्रेन से उतरने वाले, बस से उतरने वाले, कहीं आने-जाने वाले आम लोग जब सड़क पर आए, तो तपती गर्मी में उन्हें कुछ नहीं मिला।

चारों तरफ सन्नाटा
जंक्शन समेत अन्य रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा, बस स्टैंड पर सन्नाटा, शहर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले ऑटो बंद, जरूरतमंद की दुकानों में लटके ताले। जिसे देखो, वही बंदी का नाम लेकर चुपचाप बैठा था। कोई दिल्ली से आ रहा था, कोई मुंबई से, किसी को कल एग्जाम देना है, किसी को हॉस्पीटल में पेशेंट्स से मिलना है, किसी को इलाज कराना है। सबके सब बेबस सड़क पर खड़े थे। लोग पैदल इसलिए नहीं चल रहे थे, क्योंकि भीषण गर्मी में चलना मतलब परेशानी को मोल लेना था।

इससे नहीं जाएगी महंगाई
झाझा से आने वाले राजेश ने बताया कि अगर महंगाई को कंट्रोल करना है तो स्टेट गर्वमेंट अपनी ओर से टैक्स कम कर दे। कुछ तो महंगाई जरूर कम हो जाएगी। या फिर, सभी पार्टियों के बड़े नेता अनशन पर बैठ जाएं। गुरुवार को सुबह आठ बजे से ही प्रदर्शनकारी रोड पर उतर गए थे। हर गली-मुहल्ले से निकलने वाला प्रदर्शनकारियों का जत्था डाकबंगला चौराहा पर पहुंच रहा था। गोविंद मित्रा रोड, पटना मार्केट, हथुआ मार्केट, चांदनी मार्केट, न्यू मार्केट, मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स समेत पटना सिटी की मंडियां तक बंद रहीं.