- नीतीश का नेतृत्व (?) बन रहा रोड़ा

- जेडीयू ने कहा था विलय नहीं गठबंधन होगा

- नीतीश ने कुछ बोलने से इंकार किया

- लालू ने कहा जो होना है जल्दी हो

PATNA : आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन भी इतना आसान नहीं दिख रहा। लालू प्रसाद ने सोमवार को अपने आवास पर ये साफ-साफ कहा कि नेतृत्व पर अभी कोई बात नहीं। इससे पहले आरजेडी के सीनियर लीडर व एक्स एमपी रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ना आत्मघाती होगा। नीतीश कुमार को हर वर्ग का समर्थन प्राप्त नहीं है। यानी नेतृत्व के सवाल पर साफ पेंच फंसा दिख रहा है। जेडीयू चाहता है कि आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए। काग्रेस इस पर तैयार भी है।

लालू प्रसाद ने कहा टारा-टारी नहीं होनी चाहिए

हम पर प्रेशर रहता है कि राज्य सरकार से समर्थन वापस कर लें, पर किसी बात का उलझन नहीं हैं। नीतीश कुमार से फोन पर बात करेंगे। बात हुई भी है। एक दूसरे पर विश्वास करना होगा, नहीं तो दूसरे को फायदा मिल जाएगा। ये बातें आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने आवास पर प्रेस से कहा। लालू प्रसाद ने कहा कि शरद यादव जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे आए थे और बात भी हुई है। नीतीश कुमार से मिलने का कार्यक्रम नहीं था। शरद यादव से कांग्रेस, एनसीपी, वाम दलों से बात करने पर चर्चा हुई। सकारात्मक बात हुई पर यह भी कहा कि देर हे रही है। टारा-टारी नहीं होनी चाहिए। नीतीश को शरद यादव ने बताया होगा कि क्या बात हुई।

नेतृत्व को लेकर कोई बात अभी नहीं

लालू प्रसाद ने साफ शब्दों में कहा कि नेतृत्व को लेकर अभी कोई बात नहीं है। अब दोनों दलों के विलय का टाइम नहीं है। सपा नेता रामगोपालजी ने तकनीकी उलझन से पहले ही सबको अवगत करा दिया है। लालू प्रसाद ने रघुवंश बाबू को इस तरह बोलने से मना जरूर किया पर लोग समझ रहे हैं बिना लालू प्रसाद की सहमति के रघुवंश प्रसाद कड़ा बयान दे सकते हैं?

नीतीश ने आरजेडी पर खुल कर कुछ नहीं कहा

कांगे्रस के साथ समन्वय अच्छा है। वह सरकार का समर्थन कर रही है। बीजेपी से संबंध टूटने के बाद से कांगे्रस का सरकार को समर्थन मिला। लोकसभा के उपचुनाव में कांगे्रस ने साथ दिया था। कांगे्रस के साथ जदयू का तालमेल तय है, इसमें किसी तरह का भ्रम नहीं है। जनता दरबार के बाद सीएम नीतीश कुमार ने यह कहा। जनता परिवार के विलय के आसार लगातार घटने के बाद आरजेडी के साथ विधान परिषद एवं विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल पर नीतीश ने किसी तरह की टिप्पणी करने से मना कर दिया। कहा जरूरी नहीं कि हर पर टिप्पणी की जाए।

आखिरी शब्द अभी नहीं आया है

सीएम ने कहा कि मैंने शुरू से जनता परिवार के बीच विलय का प्रयास किया। अभी भी प्रयास जारी है। विलय को लेकर अभी तक आखिरी शब्द नहीं आया है। उपयुक्त समय आने पर बोलूंगा। लालू प्रसाद द्वारा जनता परिवार के विलय एवं विधानसभा चुनाव में सीट के तालमेल बार-बार टिप्पणी करने पर उन्होंने कहा कि मैं एक और वक्तव्य देना उचित नहीं समझता हूं।

निशाने पर फिर मोदी

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वायदे करने वाले नरेन्द्र मोदी ने एक भी पूरा नहीं किया। चुनाव का समय आने पर केन्द्र के मंत्री बिहार में कूद पड़े हैं और एक पर एक बयान दे रहे हैं।