केदार नाथ मंदिर को किसी बाढ़ से जलप्रलय से सुरक्षित बचाने के लिए केदारनाथ मंदिर के 600 मीटर पीछे काफी लंबी और करीब 9 मीटर ऊँची कंक्रीट की मोटी दीवार बनाई गई है। यह दीवार पानी के भयानक प्रवाह को मंदिर तक पहुंचने से रोकेगी।
केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए दो लेयर की प्रोटेक्शन वॉल बनाई गई है। मंदिर के पीछे ऊँचे ऊँचे पहाड़ हैं जहां से जोरदार वेग से पानी और पत्थर आने से ही केदार घाटी की दुर्दशा हो गई थी। इसलिए बडे से बड़ा पत्थर मंदिर तक न पहुंच सके, इसलिए कंक्रीट वॉल के पीछे लोहे के मोटे जाल की दीवार बनाई गई है, जो बोल्डर यानि बड़े बड़े पत्थरों को आगे बढ़ने से रोक देगी।
तीन साल पहले केदारघाटी की विनाशकारी आपदा में केदारनाथ मंदिर को भी खासा नुकसान पहुंचा था। मंदिर के ईस्टर्न गेट का एक हिस्सा भारी पत्थर आने के बाद टूट गया था। मंदिर के नीचे का ड्रेनेज सिस्टम भी गड़बड़ा गया था। ऐसे ही मंदिर परिसर का नॉर्थ ईस्ट कार्नर भी बह गया था। मंदिर के मुख्य द्वार के आगे नंदी की प्रतिमा भी मलबे में डूब गई थी और मंदिर का फ्लोर भी क्षतिग्रस्त हो गया था। इस आपदा के एक साल बाद भी कितना बुरा हॉल था केदार घाटी का, देखें इस खास वीडियो में।
आपदा के बाद मंदिर और केदार घाटी को अपने पुराने स्वरूप में लाने के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तब से लेकर अब तक एएसआई की टीम दिन- रात काम में जुटी है। केदारनाथ को सुरक्षित बनाने वाली मेगा वॉल कैसे कैसे बनवाई गई, देखें inextlive.com की इस स्पेशल रिपोर्ट में।
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